ऑल इंडिया रैंक में आगे रहे स्टूडेंट्स  स्टेट लिस्ट में कैसे पिछड़ गए



हाईकोर्ट ने नीट प्रीपीजी काउंसिलिंग 2024 की प्रक्रिया रद्द की, एनबीईएमएस को  नए सिरे से स्टेट मेरिट लिस्ट तैयार करने निर्देश
जबलपुर।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नीट प्री पीजी काउंसिलिंग मामले में अहम फैसला सुनाते हुए 2024 की प्रक्रिया रद्द कर दी है। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) नए सिरे से स्टेट मेरिट लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि इसके पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने काउंसिलिंग प्रक्रिया के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। पूरा मामला स्टेट मेरिट लिस्ट तैयार करने में जुड़ी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। इसमें कई इन सर्विस कैंडिडेट्स को रैंकिंग में पीछे कर दिया गया था।

कोर्ट तक क्यों पहुंचा प्रकरण
रीवा निवासी डॉक्टर अभिषेक शुक्ला और अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल ऑफिसर के पदों पर 3 साल की सेवा पूरी करने के बाद अतिरिक्त अंक का लाभ दिया जाता है। नीट प्रीपीजी काउंसलिंग 2024 के लिए जो मेरिट सूची तैयार की गई उसमें नॉर्मलाइजेशन का उपयोग किया गया, लेकिन राज्य सरकार ने दूसरी बार इस प्रक्रिया को लागू करते हुए नई सूची तैयार कि जिससे याचिकाकर्ता की रैंकिंग प्रभावित हुई और वह राज्य की मेरिट सूची में नीचे स्थान पर आए गए। हाईकोर्ट को याचिका में यह भी बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करते हुए स्टेट पीजी मेरिट लिस्ट बनाई जा रही है, जिससे सैकड़ों छात्र प्रभावित हैं।
डकवर्थ लुईस नियम का उदाहरण दिया
कोर्ट को क्रिकेट का उदाहरण देते हुए बताया गया  कि जिस तरह से डकवर्ड लुईस सिस्टम है, जिसमें एक बाॅल में बीस रन बनाने होते हैं, ठीक उसी प्रकार से ये फार्मूला है।   नई लिस्ट से फायदा यह होगा कि मेरिटोरियस बच्चे है जिन्होंने कि मेहनत करते हुए प्रीपीजी की परीक्षा दी, उसके बेस पर अब उन्हें अच्छी सीट मिलेगी।

-फॉर्मूले के लॉजिक पर सवाल
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया सिर्फ यह नहीं होता कि एक फार्मूला बना दो और यह भी नहीं देख पाए कि जो छात्र ऑल इंडिया रैंक में 2 हजार ऊपर है, वो स्टेट लिस्ट में 200 नीचे कैसे जा सकता है। लिहाजा यह फार्मूला पूरी तरह से गलत है। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए है। मामले में विस्तृत आदेश सुनाते हुए हाईकोर्ट ने पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया को रद्द कर नियमानुसार इन सर्विस कैंडिडेट को अतिरिक्त अंक देते हुए मेरिट सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं।

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ad with us

Contact us : admin@000miles.com

Admin

Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

Categories

error: Content is protected !!
en_USEnglish