खनन माफियाओं ने किया नहर का चीरहरण, खनिज प्रशासन की आंखें बंद
रीवा, मध्य प्रदेश।
रीवा के वॉर्ड नंबर 04 चोरहटा में खनन माफियाओं का आतंक चरम पर है। अपने फायदे के लिए माफियाओं ने नहर को तालाब में तब्दील कर दिया है। नहर से मिट्टी और मलबा निकालने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इन गतिविधियों से नहर किनारे के रास्ते को इतना खोद दिया गया है कि वह अब नहर का हिस्सा बन गया है, जिससे स्थानीय लोगों का आवागमन असंभव हो गया है।
सरकारी योजना पर खनन माफियाओं का हमला
सरकार ने नहर के पक्कीकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन माफियाओं ने मिट्टी निकालकर नहर को तालाब में बदल दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उनकी बार-बार की शिकायतें अनसुनी कर दी गईं। नहर किनारे से गुजरना अब जान जोखिम में डालने जैसा है।
खनिज प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
खनन माफियाओं के बढ़ते हौसले और प्रशासन की चुप्पी बड़ी घटनाओं को न्योता दे रही है। स्थानीय निवासियों ने कई बार अपनी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ऐसा लगता है कि प्रशासन खनन माफियाओं के कंधे पर बैठकर नहर को ‘पुनर्निर्माण’ का नाम देने में व्यस्त है। शायद सरकार की अगली योजना नहरों को तालाबों में बदलने की है।
प्रशासन को तत्काल खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो क्षेत्र में एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है। नहर को बचाने के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
यह खनन नहीं, विकास का माखौल है।
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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