दूरियां मिटाती संस्कृतियां नीदरलैंड के सैलानी और उमरगोहान की मिट्टी का रिश्ता
नीदरलैंड की छटा बिखेरते ट्यूलिप के खेत, हवा में साइकिलों की सवारी, और नहरों की बिछी जालियां… दूसरी ओर, भारत के मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ियों की गोद में बसा उमरगोहान गांव। एक ओर आधुनिकता का स्पर्श तो दूसरी ओर सादगी और परंपराओं में रचा-बसा जीवन। इन दोनों अलग-अलग दुनियाओं का संगम हाल ही में उमरगोहान में देखने को मिला, जहां नीदरलैंड के सैलानियों ने गांव की पारंपरिक होमस्टे में ठहरकर जीवन की नई परिभाषा सीखी।
अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली का प्रयास
नीदरलैंड के गांव संरचना और संस्कृति का संगम
नीदरलैंड का ग्रामीण जीवन एक अद्भुत संतुलन का प्रतीक है। यहां के गांव छोटे-छोटे, खूबसूरत लकड़ी के घरों से सजे हैं। खेतों में ट्यूलिप के फूल, पवन चक्कियों की कतारें, और हरियाली से घिरा माहौल यहां की पहचान है। ग्रामीण लोग बेहद मेहनती और पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं।
इन गांवों में रहना अपने आप में शांति और संतुलन का अनुभव देता है। परंपरागत खानपान में पनीर, राई ब्रेड, और ताजा दूध का स्वाद है। लेकिन जब इन सैलानियों ने उमरगोहान का अनुभव किया, तो उनके लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था।
उमरगोहान सतपुड़ा की गोद में बसा सादगी का संसार
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में बसा उमरगोहान गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हो रहा है। अमरकंटक के पास स्थित इस गांव का हर कोना सादगी और शांति का प्रतीक है। यहां की मिट्टी की दीवारों वाले खपरैल घर, चूल्हे की आंच में सजी पारंपरिक रोटियां, और मांदर की थाप पर गूंजती आवाजें किसी भी व्यक्ति को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।
ग्रामीण जीवन के अनूठे अनुभव चूल्हे की महक और मांदर की थाप
नीदरलैंड के सैलानियों ने उमरगोहान के होमस्टे में दो दिन बिताए। वे पारंपरिक चूल्हे की आग पर रोटियां सेंकते हुए गांव की सादगी को गहराई से महसूस कर सके। चूल्हे से उठती भीनी-भीनी खुशबू ने उनकी भूख को और बढ़ा दिया। उन्होंने गांव के दाल-चावल, बैंगन-भर्ता, और महुआ के लड्डू का आनंद लिया भ्रमण में आए सैलानी ने उत्साहित होकर कहा चूल्हे पर खाना बनाना अपने आप में एक कला है। यह केवल खाना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का स्वाद है। यह अनुभव जीवनभर याद रहेगा।
नीदरलैंड और उमरगोहान दो दुनियाओं का साझा मंच
जहां नीदरलैंड के लोग अपने गांवों की साफ-सफाई और प्राकृतिक जीवनशैली पर गर्व करते हैं, वहीं उमरगोहान ने उन्हें भारतीय गांव की आत्मीयता और सामूहिक जीवन की गहराई दिखाई। नीदरलैंड के गांवों की संरचना जहां हरियाली और आधुनिकता के मेल की कहानी कहती है, वहीं उमरगोहान के होमस्टे ग्रामीण सादगी के सबसे खूबसूरत उदाहरण हैं।
ग्रामीण परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत का आदान-प्रदान
सैलानियों ने ग्रामीण लोकगीतों और मांदर की थाप पर जमकर नृत्य किया। उन्होंने आदिवासी लोककथाओं को सुना और महसूस किया कि संगीत और कहानियां सीमाओं से परे होती हैं। उन्होंने कहा, यहां की संस्कृति हमें यह सिखाती है कि जीवन को कैसे सरल लेकिन सार्थक बनाया जा सकता है।
होमस्टे सादगी में छिपा विकास का मॉडल
उमरगोहान में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किए गए होमस्टे न केवल पर्यटकों को भारतीय गांवों की आत्मा से परिचित करवा रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और विकास के नए अवसर भी खोल रहे हैं। इन होमस्टे में हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा गया है, ताकि पर्यटक यहां आराम से रह सकें।
प्रकृति की गोद में आराम और संतोष
उमरगोहान का प्राकृतिक परिवेश सैलानियों को एक नई ऊर्जा देता है। पहाड़ियों से बहती ठंडी हवा, पेड़ों की सरसराहट, और पक्षियों की चहचहाहट यहां के माहौल को और भी जादुई बना देती है। सैलानियों ने कहा, यह जगह हमें याद दिलाती है कि असली सुख सादगी में है, न कि विलासिता में।
वैश्विक पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य
उमरगोहान का होमस्टे मॉडल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण पर्यटन के लिए एक मिसाल बन सकता है। यहां का अनुभव न केवल भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का मौका देता है, बल्कि आधुनिक जीवन के तनाव से भी राहत दिलाता है।
उमरगोहान दोनों दुनियाओं के बीच सेतु
नीदरलैंड के सैलानियों ने उमरगोहान में बिताए अपने समय को “जीवन बदलने वाला अनुभव” बताया। उन्होंने कहा, यहां के लोग, उनका खाना, और उनका अपनापन हमें यह सिखाता है कि जीवन की असली खूबसूरती कहां है।
तो अगर आप भी शहरी भागदौड़ से दूर एक आत्मीय और सुकून भरे अनुभव की तलाश में हैं, तो उमरगोहान आइए। यह केवल एक गांव नहीं, बल्कि सादगी, शांति, और जीवन का उत्सव है।
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