क्वालिटी टेस्ट में 90 दवाएं फेल, ड्रग रेगुलेटर ने अक्टूबर के महीने के लिए जारी की NSQ लिस्ट

क्वालिटी टेस्ट में 90 दवाएं फेल, ड्रग रेगुलेटर ने अक्टूबर के महीने के लिए जारी की NSQ लिस्ट


नई दिल्ली। भारत में सबसे ज्यादा दवाओं का प्रोडक्शन होता है। उसके बावजूद भारतीयों को अच्छी क्वालिटी की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं इस बात जानकारी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की एक रिपोर्ट में हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि, भारत के ड्र्ग रेगुलेटर ने अक्टूबर महीने में 90 ऐसी दवाओं और औषधियों का पता लगाया है जो फेक क्वालिटी की हैं। और नियामकों के मानक मानदंडों का उल्लंघन करके तैयार की गई हैं।
ड्रग रेगुलेटर ने कई दवाओं का क्वालिटी टेस्ट किया था, जिसमें 90 दवाएं फेल हो गई हैं। ये दवां तय मानकों के हिसाब से नहीं बनाई गई थी यह बेहद की चिंता वाली बात है कि क्वालिटी टेस्ट में जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें ट्रिप्सिन और काइमोट्रिप्सिन टैबलेट (लिसोफ्लेम फोर्ट), जो पोस्टऑपरेटिव घावों और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों में गंभीर दर्द और सूजन से राहत देने के लिए उपयोग की जाती है।

नियमित नियामक निगरानी गतिविधि के अनुसार मानक गुणवत्ता (NSQ) और नकली दवाओं की सूची मासिक आधार पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) पोर्टल पर जारी की जा रही है। अक्टूबर 2024 के महीने के लिए, केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं ने 56 दवा नमूनों की पहचान मानक गुणवत्ता यानी की स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू) के नहीं होने के रूप में की है और राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं ने 34 दवाओं के नमूनों की पहचान एनएसक्यू के रूप में की है।

बैच नंबर LFTF24002C वाली दवा हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित मेसर्स कैचेट फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित है इसी तरह, हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित मेसर्स यूनाइटेड बायोटेक (पी) लिमिटेड द्वारा निर्मित एंटीफंगल दवा भी मानक गुणवत्ता की नहीं पाई गई है। वैसे ही मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित मेसर्स मॉडर्न लैबोरेटरीज द्वारा निर्मित मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने वाली दवा डाइक्लोफेनाक सोडियम, पैरासिटामोल और क्लोरजोक्साजोन टैबलेट भी स्टैंडर्ड क्वालिटी की नहीं पाई गई है।

हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित दर्द और बुखार से राहत दिलाने वाली गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा बायोसिटामोल-500 भी मानक गुणवत्ता की नहीं पाई गई है। उत्तराखंड स्थित लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेटरीज द्वारा निर्मित टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बैच संख्या LMT240333 वाली ग्लिमेपिराइड टैबलेट आईपी 2 मिलीग्राम भी मानक गुणवत्ता की नहीं पाई गई है।

स्टैंडर्ड क्वालिटी के नहीं होने के रूप में दवा के नमूनों की पहचान एक या अन्य निर्दिष्ट गुणवत्ता मापदंडों में दवा के नमूने की विफलता के आधार पर की जाती है। मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर में, बिहार औषधि नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा उठाए गए 3 दवा नमूनों की पहचान नकली दवाओं के रूप में की गई है। उन्हें अन्य कंपनियों के स्वामित्व वाले ब्रांड नामों का उपयोग करके अनधिकृत और अज्ञात निर्माताओं द्वारा बनाया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि, इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है। एनएसक्यू और नकली दवाओं की पहचान करने की यह कार्रवाई राज्य नियामकों के सहयोग से नियमित आधार पर की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन दवाओं की पहचान की जाए और उन्हें बाजार से हटा दिया जाए।

गौरतलब है कि, सीडीएससीओ ने सितंबर में भारत में विभिन्न दवा कंपनियों द्वारा निर्मित 71 दवाओं और दवाओं को मानक गुणवत्ता के नहीं या नकली पाया है मेट्रोनिडाजोल टैबलेट आई.पी. 400 मिलीग्राम, एक दवा जिसे रोगाणुरोधी एजेंट (Antimicrobial Agent) के रूप में जाना जाता है, जिसका उपयोग रक्त, मस्तिष्क, फेफड़े, हड्डी, पेट की परत, आंतों, मसूड़ों, दांतों, प्रसव के बाद या ऑपरेशन के बाद घाव के संक्रमण के जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है, स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया
जो दवाएं और दवाएं मानक गुणवत्ता की नहीं पाई गईं। और नकली पाई गईं, वे अलग-अलग बैच नंबर की हैं। ऐसी दवाओं को मानक गुणवत्ता की नहीं या नकली घोषित किए जाने के बाद, दवा निर्माता कंपनियों को विशिष्ट बैच नंबर वाली ऐसी दवाओं को बाजार से वापस लेना होगा जुलाई-सितंबर से, CDSCO ने 195 दवाओं और दवाओं का पता लगाया है जो नकली और स्टैंडर्ड क्वालिटी की नहीं पाई गईं इनमें से दर्द निवारण और टाइप 2 डायबिटीज के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं और औषधियां शामिल हैं।

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Ad with us

Contact us : admin@000miles.com

Admin

Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

Categories

error: Content is protected !!
en_USEnglish