भारत में अवैध घुसपैठियों की संख्या एक चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, और अन्य देशों से आए लगभग 2 करोड़ से अधिक घुसपैठिए रह रहे हैं। इन प्रवासियों में ज्यादातर सस्ते श्रमिक, धार्मिक उत्पीड़न के शिकार शरणार्थी, और कुछ आपराधिक तत्व शामिल हैं। बांग्लादेश से 2 करोड़ घुसपैठिए।
म्यांमार (रोहिंग्या) 40,000-50,000।
पाकिस्तान 10,000-20,000।
श्रीलंका 60,000 से अधिक।
अन्य देशों जैसे अफगानिस्तान, नेपाल, और अफ्रीका से भी हजारों लोग।
गरीबी और बेरोजगारी।
धार्मिक और राजनीतिक उत्पीड़न।
बेहतर जीवन की तलाश।
सरकार पर वित्तीय दबाव
सीमा सुरक्षा, डिटेंशन सेंटर, और निर्वासन पर हर साल लगभग ₹20,000 करोड़ खर्च होते हैं।
कई घुसपैठिए सरकारी सेवाओं जैसे राशन, स्वास्थ्य, और शिक्षा का अनुचित लाभ उठाते हैं।
सरकारी कदम
बांग्लादेश सीमा पर बाड़ और निगरानी प्रणाली।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत धार्मिक शरणार्थियों को संरक्षण।
देशव्यापी NRC लागू करने पर विचार।
विशेषज्ञों के अनुसार, कठोर नीतियां, सीमा सुरक्षा में तकनीकी सुधार, और संबंधित देशों के साथ कूटनीतिक वार्ता इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकते हैं।
भारत में 2 करोड़ से अधिक घुसपैठिए बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान से अवैध प्रवासियों पर हर साल 20,000 करोड़ का खर्च
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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