इंटरनेट मीडिया और रील्स बनाने का बढ़ता जुनून अब परिवारों में दरार डालने का कारण बन रहा है। भोपाल के कुटुंब न्यायालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में जनवरी से नवंबर तक आए तलाक के मामलों में से 60% के लिए मोबाइल और रील्स की लत प्रमुख कारण बताई गई है। इसने दांपत्य जीवन को जटिल बनाते हुए परिवारों में तनाव और अलगाव बढ़ा दिया है
रील्स बनाने का नशा और पारिवारिक कलह
रील्स बनाना पहले शौक था, जो अब परिवारों में विवाद का कारण बन गया है। इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां दंपती के बीच बढ़ते मतभेदों का मुख्य कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिताना और अपने साथी को नजरअंदाज करना है।
परिवारों की कहानियां
दंपती में बढ़ता तनाव
एक पत्नी ने अपने पति पर आरोप लगाया कि वह न तो उसे खर्च के लिए पैसे देते हैं, न ही रील्स बनाने देते हैं। पति का कहना था कि पत्नी उन्हें सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर देती है। मामला काउंसलिंग में है।
बच्चों पर प्रभाव
एक सरकारी अधिकारी ने शिकायत की कि पत्नी रील्स बनाने में इतनी व्यस्त रहती है कि बच्चों की पढ़ाई और घर का काम प्रभावित हो रहा है। काउंसलिंग के बाद मामला सुलझाने का प्रयास किया गया।
रील्स का जुनून और खर्च
एक पति ने शिकायत की कि पत्नी सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए रोज़ाना शॉपिंग करती है और पूरा समय वीडियो बनाने में बर्बाद करती है।
विश्वासघात का शक
एक महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया कि वह सहकर्मी के साथ रील्स में मस्ती करते दिखाई दिए। इस कारण पति-पत्नी के रिश्ते में दरार आ गई।
न्यायालय की भूमिका और प्रयास
भोपाल के कुटुंब न्यायालय के काउंसलर शैल अवस्थी ने बताया कि मोबाइल और इंटरनेट की लत के कारण 60% तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन मामलों में काउंसलिंग के माध्यम से रिश्ते बचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सफलता दर कम है।
रील्स और इंटरनेट मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में कई बदलाव किए हैं। व्यक्तिगत प्राथमिकताओं में बदलाव और डिजिटल दुनिया का आकर्षण परिवारों में सामंजस्य बिगाड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलन बनाकर इस समस्या का समाधान संभव है।
इस डिजिटल युग में रिश्तों की अहमियत समझना और तकनीक का सीमित उपयोग करना जरूरी है। परिवारों को मजबूत बनाने के लिए संवाद और समय देना अनिवार्य है।
रील्स का नशा, जो मनोरंजन का साधन था, अब रिश्तों को उलझाने का माध्यम बन गया है।







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