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प्रतिनियुक्ति को लेकर फैसला,स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप,6 माह पहले मूल विभाग में लौटना होगा

तीन साल तक जहां हो वहीं करना होगा काम



जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों, कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों की डेपुटेशन पर होने वाली पोस्टिंग को लेकर राज्य शासन ने नियमों को और अधिक स्पष्ट किया है। इसमें यह व्यवस्था तय की गई है कि अगर कोई डॉक्टर या अन्य अधिकारी-कर्मचारी विभाग के अधीन काम करने वाले मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया जाता है तो वह इस पद स्थापना अवधि के खत्म होने के बाद अगले 3 साल तक डेपुटेशन पर पदस्थ नहीं किया जा सकेगा साथ ही डेपुटेशन पर पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी को रिटायरमेंट के 6 माह पहले मूल विभाग में लौटाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
नई व्यवस्था से होगा बदलाव
लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किए जाने वाले अफसरों और कर्मचारियों की पद स्थापना को लेकर बनाए गए नियम में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन कार्यरत एक्सपर्ट्स, चिकित्सा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों की सेवाओं के मामले में यह व्यवस्था लागू होगी। यहां के कर्मचारी-अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत निरामयम, राज्य एड्स नियंत्रण समिति, भोपाल हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड और संचालक राज्य स्वास्थ्य सूचना शिक्षा संचार ब्यूरो (आईईसी ब्यूरो) और अन्य संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाते हैं, इसके लिए नई व्यवस्था तय कर दी गई है।

ऐसा है प्रतिनियुक्ति का मॉडल
मुख्य कार्यपालक अधिकारी आयुष्मान भारत निरामयम के दफ्तर में पदस्थ किए जाने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी 2 साल के लिए डेपुटेशन पर जा सकेंगे, इसके बाद विभागों की सहमति होने पर इसे 2 साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। प्रबंध संचालक एमपी पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड के दफ्तर में एक बार प्रतिनियुक्ति की अवधि खत्म होने के बाद अगले तीन साल तक प्रतिनियुक्ति की पात्रता नही होगी।
मेडिकल कालेज के डीन के रूप में काम कर चुके सभी डॉक्टर्स की डेपुटेशन अवधि खत्म होने के बाद उन्हें वापस मूल विभाग अनिवार्य रूप से लौटना होगा।
क्षेत्रीय संचालक का काम कर चुके सभी चिकित्सक जो प्रतिनियुक्ति पर हैं और उनकी सेवानिवृत्ति करीब है तो रिटायरमेंट के 6 माह पहले उन्हें मूल विभाग में लौटना होगा ताकि वे अपने पेंशन, जीपीएफ आदि मामलों का निराकरण विभाग से करा सकें। सीएमएचओ की डेपुटेशन अवधि का निर्धारण करते हुए यह देखना जरूरी होगा कि संबंधित चिकित्सक डेपुटेशन अवधि में रिटायर तो नहीं होगा। अगर ऐसी स्थिति बननी हो तो तब तक के लिए डेपुटेशन पर भेजा जा सकेगा जब वह छह माह पहले मूल विभाग में लौट सके।
इसलिए जारी किया आदेश

स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्देश इसलिए जारी किए हैं क्योंकि कई अधिकारियों के मामले में यह जानकारी सामने आई है कि उनके द्वारा रिटायरमेंट की अवधि तक प्रतिनियुक्ति पर रहने के कारण उनके पेंशन, जीपीएफ, अवकाश के बदले मिलने वाली राशि के भुगतान में दिक्कतें आई हैं और यह मामला शासन स्तर तक भी पहुंचा है।

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