बरेली जिला कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने दुष्कर्म का आरोप गलत साबित होने पर युवती को कड़ी सजा सुनाई।
कोर्ट ने युवक को निर्दोष करार देते हुए आरोप लगाने वाली युवती को 1,653 दिन जेल की सजा सुनाई।
युवती के गलत आरोपों से मजदूरी करने वाले युवक को इतने ही दिन जेल में रहना पड़ा।
इसके साथ ही कोर्ट ने युवती को युवक को 5,88,822 रु. हर्जाना देने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा, अपने अवैध उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पुलिस और कोर्ट को माध्यम बनाना घोर आपत्तिजनक है।
अनुचित लाभ लेने वाली महिलाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती।
रेप का झूठा आरोप लगाने वाली युवती को कोर्ट ने सुनाई सजा, जितने दिन युवक जेल में रहा, युवती भी रहे!
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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