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भय और शत्रु नाश: माँ कालरात्रि की पूजा से भय, शत्रु, और बुरी आत्माओं का नाश होता है।

भय और शत्रु नाश: माँ कालरात्रि की पूजा से भय, शत्रु, और बुरी आत्माओं का नाश होता है।

माँ की उपासना से आपके जीवन में साहस, शक्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। माँ कालरात्रि की कृपा सभी को मिले।

आज, 7 अक्टूबर को नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना की जाती है। माँ कालरात्रि नवरात्रि की सातवीं शक्ति हैं और उन्हें ‘काल’ यानी समय और ‘रात्रि’ यानी अंधकार की देवी माना जाता है। इनकी पूजा भय, शत्रु, और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए की जाती है। उन्हें “काली माँ” के एक रूप के रूप में जाना जाता है, जो सभी बुराईयों का नाश करती हैं और अपने भक्तों को भयमुक्त करती हैं।

पूजा के लाभ:




राहु-केतु दोष निवारण: जिन जातकों की कुंडली में राहु या केतु की दशा चल रही है, उनके लिए माँ कालरात्रि की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है।


. बाधाओं का अंत: जीवन में आने वाली बाधाओं और संकटों का समाधान होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।



12 राशियों पर प्रभाव:

मेष (Aries): तनाव से मुक्ति मिलेगी, यात्रा का योग बनेगा। माँ कालरात्रि की पूजा से साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा।

वृषभ (Taurus): मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।

मिथुन (Gemini): कामकाज में सुधार होगा, पारिवारिक सुख बढ़ेगा। इस दिन माँ की कृपा से धनलाभ हो सकता है।

कर्क (Cancer): स्वास्थ्य में सुधार होगा, मनोबल मजबूत रहेगा। काम में उन्नति के योग हैं।

सिंह (Leo): साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लाभकारी यात्रा का योग बनेगा।

कन्या (Virgo): आर्थिक लाभ होगा, परिवार में सुख-शांति रहेगी। माँ की पूजा से पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी।

तुला (Libra): व्यावसायिक उन्नति होगी, वैवाहिक जीवन में सुख बढ़ेगा। ध्यान और पूजा करने से मानसिक शांति मिलेगी।

वृश्चिक (Scorpio): किसी पुराने विवाद का समाधान मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

धनु (Sagittarius): आध्यात्मिक उन्नति होगी, रुके हुए काम बनेंगे। माँ की कृपा से परिवार में सुख-शांति रहेगी।

मकर (Capricorn): करियर में उन्नति होगी, कार्यस्थल पर सम्मान बढ़ेगा। माँ की पूजा से स्वास्थ्य में लाभ होगा।

कुंभ (Aquarius): मनोबल और साहस में वृद्धि होगी। वैवाहिक जीवन में समरसता बनी रहेगी।

मीन (Pisces): मानसिक शांति मिलेगी, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। माँ कालरात्रि की पूजा से धन और यश की प्राप्ति होगी।


नक्षत्र प्रभाव:

जिन जातकों की कुंडली में मूल, अश्लेषा, मघा, और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का प्रभाव है, उनके लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। माँ कालरात्रि की उपासना से इन नक्षत्रों से उत्पन्न दोष समाप्त होंगे।

मूल नक्षत्र के जातकों को यात्रा या नए कार्यों में सतर्कता बरतनी चाहिए। पूजा के बाद ही शुभ कार्य करें।

अश्लेषा नक्षत्र के जातकों को आर्थिक मामलों में सतर्क रहना चाहिए। माँ की उपासना से राहु-केतु दोष से मुक्ति मिलेगी।

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