छतरपुर – प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी आरपी प्रजापति जब से इस पद पर आसीन हुए हैं वे तभी से जिला शिक्षाधिकारी की कुर्सी से और शिक्षाधिकारी के चैम्बर से दूरी बनाए हुए हैं। लगभग एक माह गुजर जाने के बाद भी वे जिला शिक्षाधिकारी की कुर्सी पर नहीं बैठे और जिस कमरे में वे पहले बैठते थे उसी कमरे में बैठकर जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व निभा रहे हैं। आरपी प्रजापति को डर है कि कहीं वे जिला शिक्षाधिकारी की कुर्सी पर बैठते ही साजिश का शिकार न हो जाएं.? क्योंकि इस कुर्सी पर बैठने वाले पिछले तीन जिला शिक्षा अधिकारी वास्तुदोष वाली कुर्सी का शिकार हुए हैं। संतोष शर्मा को सेवानिवृत्ति मिलने के बाद भी न तो आज तक उनका फंड उन्हें मिला, न गे्रच्युटी मिली।
श्री शर्मा के बाद हरिश्चन्द्र दुबे ने यह पद संभाला और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भी उनके कोई स्वत्व आज तक नहीं मिले। श्री दुबे के बाद एमके कोटार्य को जिला शिक्षाधिकारी बनाया गया और वे एक साल बाद निलंबित कर दिए गए। बस इसी डर के कारण जिले के प्रभारी शिक्षाधिकारी आरपी प्रजापति जिला शिक्षाधिकारी की कुर्सी से दूरी बनाए हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2018 में वन कर तैयार हुई इस नई नवेली बिल्डिंग में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सिफ्ट किया गया था तभी से यहां उथल-पुथल का माहौल है और अब तक जीतेन्द्र गौर, विपिन दीक्षित, रोहित खरे व आरएस भदौरिया निलंबित हो चुके हैं। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि इस बिल्डिंग में वास्तुदोष है और जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी अभिशप्त है।
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