द्वारा आम रास्ता रोककर बाउण्ड्री वनाकर कंटीले तारो से किये गये अतिक्रमण को हटाने गये तहसीलदार कुंवारे पनिका पटवारी व टी आई व पत्रकारों को भी गाली गलौज करते हुए जे सी बी चालक को पत्थरों से मारने दौड़ने पर अतिक्रमण की कार्यवाही शुरू होते ही बंद माहौल बिगड़ गया तहसीलदार पटवारी से बार बार झड्प होती रही अंत में खदेड़ लिया और मजबूरन प्रशासन को भागना पड़ा । उल्लेखनीय है कि हनुमना तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोंइडार के ग्राम कोन में सैकड़ो वर्ष पुराने आम रास्ते को कुछ सरहंगो द्वारा पत्थर के पिलरों में तार से रुंडकर बड़ी लगाकर फसल बो देने तथा इसके पूर्व भी दो-दो बार प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के बावजूद बार-बार आक्रमण कर लिए जाने के बाद एसडीएम कोर्ट द्वारा दो-दो बार गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा मीडिया में भी हो हल्ला के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। शेष आरोपियों को न तो गिरफ्तार किया गया न ही अतिक्रमण हटाया गया जिससे दर्जनों परिवारों के बच्चे स्कूल तक कई किलोमीटर पैदल चलकर जाने को मजबूर होते हैं। परेशान होकर 74 वर्षीय पीड़ित वृद्ध वेदांती शुक्ला द्वारा 13सितम्बर को प्रशासन को दिए गए अल्टीमेटम के अनुसार कलेक्टर कार्यालय के सामने आमरण अनशन बैठ गया। मजबूरन कलेक्टर अजय श्रीवास्तव एवं एसपी के द्वारा बताया जाता है कि वेदांती त्रिपाठी को यह आश्वासन देते हुए कि आज ही अतिक्रमण हटाया जाएगा और जो भी अवरोध करेगा उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा वेदांती शुक्ला को अपने साधन से प्रशासन बैठ कर घर लाया और प्रशासन के तहसीलदार एवं पटवारी आदि को लेकर 13 तारीख को ही शाम को ही अतिक्रमा हटाने पहुंचे लेकिन ना तो जेसीबी थी ना ही मजदूर थे ऊपर से अतिक्रमणकारियों ने कमर कस रखी थी किसी भी कीमत पर आक्रमण नहीं हटने देना है मजबूरन 8:00 बजे रात तक तहसीलदार वहां रहे और वापस चले आए आज सुबह 14 तारीख को तहसीलदार महोदय पटवारी एवं अन्य प्रशासनिक अमले के साथ वहां पहुंच गए लेकिन पुलिस का कोई भी बंदा नहीं था दो घंटे इंतजार के बाद 12:00 बजे टी आई राजेश पटेल एक कांस्टेबल के साथ पहुंचे वही हाटा चौकी प्रभारी बृहस्पति सिंह पटेल भी अकेले पहुंचे जहां पुलिस के पहुंचने के पूर्व लाठी डंडे व पत्थर लेकर अतिक्रमणकारिर्यों को प्रोत्साहन देने वाले श्रीकांत पाठक एवं उनके छोटे भाई आदि पटवारी एवं पत्रकारों को गाली गलौज करते हुए मारने दौड़े किसी कदर लोगों के बीच बचाव के बाद मामला शांत हुआ वही जैसे ही 12:00 बजे टी आई राजेश पटेल एक कांस्टेबल के साथ वहां पहुंचे और भारी संख्या में पहले से ही अतिक्रमणकारियों के परिवार की महिलाएं एवं पाठक परिवार तथा गांव के लोग जमा हो चुके थे स्थिति यह थी कि किसी भी कीमत पर अतिक्रमण हटाने देने के पक्ष में नहीं थे आक्रमणकारी ऊपर से पाठक परिवार के लोग भी जिनमें चिंतामणि पाठक अखिलेश पाठक श्रीकांत पाठक आदि बार-बार यह जोर डाल रहे थे कि फिर से सीमांकन किया जाए और पटवारी ने जरीब लेकर सीमांकन किया जिस पर पुनः वही वस्तु स्थिति सामने आ रही थी और किसी कदर एक बार तो तैयार हुए अतिक्रमण हटाने देने को जैसे ही जेसीबी पहुंचा महिलाएं पत्थर लेकर जेसीबी वाले को ही मारने दौड़ी इतना ही नहीं तहसीलदार एवं टीआई को भी भद्दी भद्दी गालियां देते हुए अतिक्रमण हटाने से रोकती रही किसी कदर दो तीन बल्लिया उखड़ी गई थी तभी पुनः महिलाओं ने पत्थरों से मारने उद्धत हुई और मजबूरन जेसीबी पर भी कुछ पत्थर चलने के बाद ड्राइवर भाग खड़ा हुआ। चार घंटे के जद्दोजहाज के बाद टी आई व तहसीलदार को भी बार-बार गलियां के अलावा कुछ नहीं मिला बीच में भी कई बार पटवारी को भी दौड़ाया गया बेचारा जान बचाकर तहसीलदार टी आई के पीछे जा बैठा वही पत्रकारों को भी अपशब्दों का बार-बार प्रयोग किया जाता रहा। जबकि शुरू में लाठी दांडी लेकर भी पत्रकारों को भी मारने दौड़े थे आनन फानन में तहसीलदार ने एक पंचनामा तैयार कर कुछ लोगों से दस्तखत करा वहां से रफू चक्कर होते बने देखना आगे क्या कदम उठाता है प्रशासन ।वही वेदांती त्रिपाठी को भी गंदी-गंदी गालियां देते हुए उसकी खैर नहीं की धमकीदी जाती रही। इधर वेदांती त्रिपाठी ने शासन प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि प्रशासन के साथ इस प्रकार की जब बच्चों की कर रहे थे मेरा भी मर्डर कर देंगे पत्रकारों को फोन पर बताया कि प्रशासन के जाते ही उसके घर को आक्रमणकारियों एवं सहयोगियों ने घेर लिया था कि वे अंदर से दरवाजा बंद कर घर के अंदर हो गए थे अन्यथा उनकी हत्या भी हो सकती थी




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