एक साल बाद जनता को संभाग और जिलों के लिए अपने गांव से अधिकतम 200 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस दूरी को कम करने के लिए मोहन सरकार ने ऐसे संभाग और जिलों जैसी प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण करने वाले आयोग में पहली नियुक्ति कर दी है।
MP New Delimitation Commission:
एक साल बाद जनता को संभाग और जिलों के लिए अपने गांव से अधिकतम 200 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस दूरी को कम करने के लिए मोहन सरकार ने ऐसे संभाग और जिलों जैसी प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण करने वाले आयोग में पहली नियुक्ति कर दी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मप्र प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग में सदस्य के रूप में रिटायर्ड आइएएस मनोज श्रीवास्तव को नियुक्त किया है। आयोग संभाग, जिले, तहसील, विकासखंडों की सीमाओं का नया परिसीमन प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसमें कुछ पुराने व नए जिलों को मर्ज करने की सिफारिश की जा सकती है। जनता की जरूरत के हिसाब से नए संभाग व जिले बनेंगे। अगले एक साल में यह काम पूरा होगा। आयोग में अन्य सदस्यों की नियुक्ति बाकी है।
सीएम डॉ. मोहन यादव (dr mohan yadav) ने कहा है कि जनसामान्य की सुविधा के लिए जिले और संभाग की सीमाओं का पुनर्निर्धारण कर रहे हैं। बीना को नया जिला बनाने की मांग के बीच सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में बीना क्षेत्र का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
ऐसे समझें समस्या : पड़ोसी संभाग 128, खुद का 215 किलोमीटर
तहसील
0-खंडवा जिले के किल्लौद (बलड़ी) ब्लॉक की जिला मुख्यालय से दूरी 92 किमी। किल्लौद की हरदा मुख्यालय से दूरी 42 किमी है। व्यापार-कृषि हरदा पर निर्भर। प्रशासनिक कार्यों के लिए खंडवा आना पड़ता है।
0-विदिशा के तहसील लटेरी की पंचायत उनारसीकलां जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर है, जबकि गुना से इसकी दूरी मात्र 55 किमी है।
जिला मुख्यालय
सीहोर जिला मुख्यालय की बुदनी, रेहटी, भैरुंदा, शाहगंज से दूरी 80 से 110 किमी, जबकि नर्मदापुरम से 10 से 20 किमी हैं।
रायसेन से बरेली, उदयपुरा, देवरी, सिलवानी 100- 120 किमी है। जबकि देवरी नरसिंहपुर से 90, सिलवानी से सागर 80, बेगमगंज व सुल्तानगंज सागर से 20 से 50 किमी दूर।
महाराजपुर से सागर जिला मुख्यालय की दूरी 78 किमी, जबकि नरसिंहपुर 60 किमी।
संभाग
पन्ना जिले से सागर 215 किमी है, जबकि रीवा संभाग महज 128 किमी है। सतना-रीवा की सड़क कनेक्टिविटी भी बेहतर है।
जबलपुर संभाग तक आने के लिए बालाघाट और छिंदवाड़ा के लोगों को 225 किमी का सफर तय करना पड़ता है।
शहडोल के बाणसागर-देवलोंद से संभागीय मुख्यालय 85 किमी है। जबकि यहां से रीवा सिर्फ 65 किमी की दूरी में है।
यह करेगा आयोग
भौगोलिक आधार पर संभाग, जिला, तहसील, जनपद व विकासखंड की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण और ऐसी नई प्रशासनिक इकाईयों के प्रस्ताव तैयार करना।
प्रस्तावित इकाइयों के लिए नए सिरे से शासकीय सेवकों की जरुरत का प्रारूप बनाना।
इकाइयों के लिए प्रदेश भर में भ्रमण कर सुझाव लेना।

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