
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर प्रदेशभर में तीखी प्रतिक्रिया, ब्राह्मण समाज ने जताया विरोध — अधिकारी ने मांगी माफी
भोपाल,
अंबेडकर मैदान, भोपाल में आयोजित AJJAKS प्रांतीय सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा दिए गए आरक्षण संबंधी कथन ने प्रदेश में व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। कार्यक्रम के मंच से वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज से जुड़ी कथित टिप्पणी— “जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं देगा या मेरे बेटे से विवाह-संबंध नहीं बनाएगा, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए” — के बाद सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
ब्राह्मण वेलफेयर संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न समुदायों ने इस कथन को जातिगत, अमर्यादित, और संवैधानिक मर्यादाओं के विरुद्ध बताया है। संगठनों ने कहा कि यह बयान न केवल महिलाओं की गरिमा को आहत करता है, बल्कि समाज में अनावश्यक वैमनस्य पैदा कर सकता है। कई संगठनों ने अधिकारी पर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है।
विवाद बढ़ने पर आईएएस संतोष वर्मा ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण और माफी जारी की है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय विशेष का अपमान करना नहीं था, बल्कि सामाजिक असमानता और आरक्षण की निरंतरता पर उदाहरण देते समय उनके कथन को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया। वर्मा ने कहा कि उनके पूरे 27 मिनट के भाषण में सामाजिक समरसता की बात की गई थी और वायरल हुआ सिर्फ एक कथन उनके मूल संदेश से हटाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनकी बातों से किसी भी समाज की भावनाएँ आहत हुई हों, तो वे इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं।
इधर, प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों ने इस मामले में प्रशासन से संज्ञान लेकर जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा जाति आधारित टिप्पणी लोकतांत्रिक और प्रशासनिक शुचिता के विपरीत है। संगठनों ने आगे कहा कि इस प्रकार के बयान समाज में तनाव फैलाते हैं और सरकार को ऐसे मामलों में स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करने चाहिए।
पूरा मामला फिलहाल प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। संगठनों ने आगामी दिनों में सामूहिक ज्ञापन सौंपने, विरोध पत्र देने और कानूनी कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।



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