
भोपाल/सतना। मध्य प्रदेश सरकार ने बड़े प्रशासनिक कदम उठाते हुए रामपुर बघेलान के एसडीएम राजनारायण खरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस गंभीर मामले में की गई है, जिसमें खरे, जो उस समय मेहगांव (जिला भिंड) में तहसीलदार पद पर पदस्थ थे, उन्होंने नियम-विरुद्ध तरीके से 125 एकड़ (लगभग 50.70 हेक्टेयर) सरकारी भूमि को एक निजी संस्था के नाम दर्ज कर दिया था।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वर्ष 2020 से 2023 की अवधि में खरे ने भूमि रिकार्ड में हेरफेर कर सरकारी जमीन को निजी संस्था के नाम दर्ज करने का निर्णय स्वयं अपने स्तर पर लिया, जबकि ऐसा करना न केवल राजस्व संहिता के विपरीत था, बल्कि शासन की अनुमति के बिना असंभव भी है। दस्तावेजों को कंप्यूटरीकृत रिकार्ड में गलत तरीके से दर्ज करने की पुष्टि भी आईडी से मिल चुकी है।
जांच में यह स्पष्ट पाया गया कि खरे का यह निर्णय राजस्व नियमों का घोर उल्लंघन है, जिसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय, कलेक्टर सतना कार्यालय में अटैच किया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमों के अनुसार केवल जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
इस बीच प्रशासन ने कार्यों की निरंतरता बनाए रखने के लिए रामपुर बघेलान एसडीएम का प्रभार बी.के. मिश्रा को सौंप दिया है, जो अब नए एसडीएम के रूप में दायित्व संभालेंगे।
सूत्रों के अनुसार, मामले की विस्तृत विभागीय जांच आगे भी जारी रहेगी और यदि अन्य कर्मचारियों की भूमिका सामने आती है तो और भी कार्रवाई हो सकती है।
मध्य प्रदेश शासन ने इस निर्णय को प्रशासनिक पारदर्शिता व जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।



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