
अनूपपुर नगर महिला अध्यक्ष ने कहा – “महंगाई ने नारी की आस्था का प्रतीक भी छीन लिया”
अनूपपुर।एक ओर सोने की आसमान छूती कीमतों ने आमजन के बजट को हिला कर रख दिया है, वहीं दूसरी ओर यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। भगवा पार्टी की अनूपपुर नगर महिला अध्यक्ष एडवोकेट संतोष दुबे ने इस पर तीखा तंज कसते हुए कहा “अब समझ आया, किसने छीना लोगों का मंगलसूत्र।”उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण में “मंगलसूत्र” शब्द ने खूब सुर्खियाँ बटोरी थीं, परंतु आज हालात ऐसे बन गए हैं कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से सचमुच उनका मंगलसूत्र छिनता दिखाई दे रहा है।संतोष दुबे ने कहा कि “अब गरीब और मध्यम वर्ग अपने बच्चों की शादी में मंगलसूत्र देना तो दूर, साधारण आभूषण खरीदने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। प्रधानमंत्री का वह वक्तव्य अब किसी इशारे से अधिक, आने वाले आर्थिक संकट की भविष्यवाणी साबित हो रहा है।”उन्होंने आगे कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सोने की कीमतों पर नियंत्रण के ठोस उपाय करे तथा मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए नीति बनाए, क्योंकि यही वर्ग न तो सरकारी योजनाओं का लाभ पा रहा है और न ही महंगाई की मार से बच पा रहा है। “मंगलसूत्र सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि भारतीय नारी की आस्था और परिवार का प्रतीक है,” दुबे ने कहा। “लेकिन अब महंगाई ने इस प्रतीक को भी छीनने की शुरुआत कर दी है।”स्थानीय गृहिणी रेखा द्विवेदी ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा, “अब शादी-ब्याह तो भगवान भरोसे हो गए हैं। सोने की कीमत सुनते ही आम लोगों के हाथ-पैर फूल जाते हैं।”
सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता और करों में बढ़ोतरी से सोने के भाव थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते वर्ष 70–72 हजार रुपये प्रति तोला रहा सोना अब 1.30 लाख रुपये प्रति तोला के पार पहुँच गया है।
नगर महिला अध्यक्ष संतोष दुबे ने सरकार से मांग की है कि आमजन को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ, ताकि “मंगलसूत्र” सिर्फ एक राजनीतिक जुमला न रह जाए, बल्कि भारतीय नारी के सम्मान और विश्वास का प्रतीक बना रह सके।



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