
एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी, सहकर्मी और अन्य लोगों की कॉल रिकॉर्डिंग बिना अनुमति ली और उसे कोर्ट में सबूत के रूप में पेश किया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी की कॉल रिकॉर्डिंग बिना उसकी अनुमति के रखना या शेयर करना “Privacy Violation” और “Illegal Surveillance” है। कोर्ट ने इसे Article 21 (Right to Privacy) का उल्लंघन माना। ऐसा कृत्य Indian Telegraph Act, 1885 की Section 5(2) और Information Technology Act, 2000 के तहत दंडनीय है। केवल Court या Law Enforcement Agency के पास वैध अनुमति के साथ ऐसा करने का अधिकार है।



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