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माफिया की कमर तोड़ने को संपदा-2.0 का ‘टेक्निकल स्ट्राइक’  अब बिना अनुमति के नहीं बिकेगी एक इंच जमीन, दलालों के खेल पर लगेगा ब्रेक

माफिया की कमर तोड़ने को संपदा-2.0 का ‘टेक्निकल स्ट्राइक’  अब बिना अनुमति के नहीं बिकेगी एक इंच जमीन, दलालों के खेल पर लगेगा ब्रेक


भोपाल/अनूपपुर।
मध्य प्रदेश में भूमाफिया और अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ प्रशासन का सबसे बड़ा हथियार बनकर उभरा है संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर। अप्रैल 2025 से प्रदेश के 55 जिलों में लागू इस तकनीकी व्यवस्था ने अवैध कॉलोनियों और फर्जी प्लॉटिंग के कारोबार को लगभग पंगु कर दिया है। संपदा-2.0 के चलते अब जमीन की रजिस्ट्री तभी संभव है जब कॉलोनाइजर के पास टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमत लेआउट, डायवर्सन सर्टिफिकेट, अनापत्ति प्रमाणपत्र सहित जरूरी दस्तावेज हों। जैसे ही रजिस्ट्री के समय खसरा नंबर दर्ज होता है, संपदा-2.0 संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा दिखा देता है — जमीन वैध है या अवैध, पहले किसके नाम थी, अनुमति है या नहीं, सब कुछ सामने आ जाता है।

अनूपपुर में दलालों का खेल, कईयों को बेचते हैं एक ही जमीन

अनूपपुर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से सक्रिय भू-माफिया और बिचौलियों ने एक ही जमीन को कई लोगों को बेचकर भोले-भाले लोगों को ठगा। लोग महीनों रजिस्ट्री के चक्कर लगाते हैं, दलालों को कमीशन देते हैं, फिर भी वैध दस्तावेज न होने से न तो प्लॉट पर कब्जा मिलता है और न ही रजिस्ट्री। कई बार लोग अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई गंवाकर कानूनी पचड़े में फंस जाते हैं। संपदा-2.0 के आने के बाद अब इस धोखाधड़ी पर प्रभावी लगाम की उम्मीद जगी है।

भोपाल में 50 से अधिक अवैध कॉलोनियां चिह्नित, कार्रवाई शुरू

राजधानी भोपाल में संपदा-2.0 के जरिए 50 से अधिक अवैध कॉलोनियों को चिह्नित किया गया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर हुजूर और कोलार एसडीएम ने अवैध कॉलोनाइजरों को नोटिस थमाकर दस्तावेज मांगे। तय समय में दस्तावेज न देने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। यही मॉडल अब प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जा रहा है।

संपदा-2.0 की ये खूबियां बन रही हैं भू-माफिया के लिए काल

रजिस्ट्री सर्च की सुविधा: प्रॉपर्टी का आईडी नंबर डालते ही पूरी हिस्ट्री सामने।
वास्तविक खरीदार का विवरण पहले मालिक से लेकर वर्तमान तक का रिकॉर्ड।
भूखंड/फ्लैट का पूरा विवरण साइज, लोकेशन, मंजिल, कोने का प्लॉट आदि।
प्रमाणित दस्तावेज की अनिवार्यता टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति, डायवर्सन सर्टिफिकेट, एनओसी, लेआउट प्लान, मूलभूत सुविधाओं का शपथपत्र जरूरी।
ऑनलाइन ही रजिस्ट्री संभव: कागजी खेल से छुटकारा, पारदर्शिता को बढ़ावा।

अन्यथा नहीं होगी रजिस्ट्री

महानिरीक्षक पंजीयन अमित तोमर के अनुसार, “संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर सिर्फ प्रमाणित और सही दस्तावेजों के आधार पर ही प्रॉपर्टी का पंजीयन करता है। यदि कोई भी दस्तावेज या अनुमति नहीं होती, तो रजिस्ट्री प्रक्रिया स्वतः रुक जाती है। यही वजह है कि अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री लगभग ठप हो गई है।”

जनता के लिए संदेश खरीद से पहले जरूर जांचें

अनूपपुर सहित प्रदेशभर के लोग अब संपदा-2.0 पोर्टल पर जमीन/प्लॉट का विवरण ऑनलाइन जांच सकते हैं। खरीद से पहले रजिस्ट्री ऑफिस, टीएंडसीपी या संपदा-2.0 से स्वीकृत दस्तावेज देखकर ही सौदा करें, ताकि फर्जीवाड़े से बच सकें।

संपदा-2.0 ने मध्य प्रदेश में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को पारदर्शी और भरोसेमंद बना दिया है। अब बिना अनुमति और दस्तावेजों के कोई भी कॉलोनाइजर रजिस्ट्री नहीं करा सकता। भू-माफिया की मनमानी पर यह तकनीकी हथियार टेक्निकल स्ट्राइक साबित हो रहा है। अनूपपुर जैसे जिलों में जहां अभी भी दलाल सक्रिय हैं, लोगों को सजग रहने और संपदा-2.0 के माध्यम से जमीन की वैधता की जांच करने की जरूरत है।

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Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

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