रविवार को जबलपुर, शहडोल, रीवा, और सागर में अतिवृष्टि और बाढ़ की आशंका है। अन्य जिलों में भी भारी से लेकर मध्यम वर्षा हो सकती है।
भोपाल। उत्तरी ओडिशा और उससे लगे पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका एक बार फिर मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके प्रभाव से इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने के आसार हैं।
सामान्य से तीन फीसदी अधिक बारिश
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, कम दबाव का क्षेत्र आगे बढ़कर कमजोर पड़ गया है। वर्तमान में वह हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में उत्तरी छत्तीसगढ़ पर आ गया है। इस सीजन में एक जून से लेकर 27 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रदेश में कुल 420.2 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (407.0 मिमी) की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है।
मौसम प्रणाली सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तरी ओडिशा एवं उससे आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़कर अब उत्तरी छत्तीसगढ़ पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, सीकर, ग्वालियर, सीधी से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। महाराष्ट्र पर विपरीत हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है।
पूर्वी मप्र में अतिवृष्टि की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बने हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रविवार सुबह पूर्वी मध्यप्रदेश में पहुंचने के आसार हैं। उसके प्रभाव से रविवार को जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं अतिवृष्टि होने की संभावना है। इससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनने की भी आशंका है।
इसके अलावा भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने के आसार हैं। शेष संभाग के जिलों में भी हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। वर्षा होने का सिलसिला अभी एक-दो दिन तक बना रह सकता है।
सुरक्षा और तैयारियों के उपाय
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भारी बारिश के मद्देनजर विभिन्न कदम उठाए हैं। जलभराव को रोकने के लिए नालों की सफाई की जा रही है और आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय किया गया है। नागरिकों को भी सलाह दी गई है कि वे बिना आवश्यक कारणों के बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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