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IBM में 8,000 कर्मचारियों की छंटनी एआई की आंधी में मानव संसाधन विभाग ध्वस्त, बढ़ती बेरोजगारी पर मंडराया खतरा

IBM में 8,000 कर्मचारियों की छंटनी एआई की आंधी में मानव संसाधन विभाग ध्वस्त, बढ़ती बेरोजगारी पर मंडराया खतरा



दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी IBM (International Business Machines Corporation) ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अपने लगभग 8,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह छंटनी मुख्यतः मानव संसाधन (Human Resources – HR) विभाग में की गई है, जहां AI (Artificial Intelligence) अब मानव कर्मचारियों की जगह ले रहा है। यह घटना तकनीकी परिवर्तन के उस मोड़ को दर्शाती है, जहां मानव श्रम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बीच संघर्ष खुलकर सामने आ गया

कंपनी IBM छंटनी की संख्या लगभग 8,000 कर्मचारी

प्रभावित विभाग मुख्यतः मानव संसाधन (HR)

कारण AI आधारित ऑटोमेशन के चलते मानव भूमिकाओं का स्थानांतरण

AI एजेंटों की भूमिका भर्ती, डेटा एनालिसिस, कर्मचारी अनुभव, ट्रैकिंग, परफॉर्मेंस असेसमेंट आदि में मानवों की जगह ले रहे हैं।


क्या कहा IBM ने?

IBM के CEO अरविंद कृष्णा पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले वर्षों में लगभग 30% बैक-ऑफिस जॉब्स को AI से बदला जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छंटनी कंपनी की “AI First Strategy” का हिस्सा है, जिसके तहत HR जैसे गैर-तकनीकी विभागों को धीरे-धीरे AI द्वारा संचालित किया जा रहा है।

AI कैसे ले रहा है HR की जगह?

HR की परंपरागत भूमिका AI आधारित ऑटोमेशन

रिज्यूमे स्कैन करना NLP एल्गोरिद्म के जरिए सेकंडों में हजारों रिज्यूमे स्कैन करना
इंटरव्यू शेड्यूलिंग बॉट्स द्वारा कैंडिडेट्स को कॉल/मेल भेजना
कर्मचारी मूल्यांकन एल्गोरिद्म आधारित परफॉर्मेंस स्कोर
लीव मैनेजमेंट AI चैटबॉट द्वारा छुट्टी की प्रक्रिया
प्रशिक्षण एवं विकास पर्सनलाइज्ड AI-कोचिंग और लर्निंग प्लेटफॉर्म्स
नौकरी पर असर

IBM की यह छंटनी केवल एक संकेत है। AI और ऑटोमेशन की यह लहर वैश्विक स्तर पर लाखों नौकरियों को प्रभावित कर सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां कार्यप्रणाली दोहराव आधारित या डेटा-संचालित होती है।

❗ संभावित परिणाम अल्पकालिक बेरोजगारी दर में वृद्धि

दीर्घकालिक स्किल गैप बढ़ेगा, डिजिटल डिवाइड और गहरा होगा

मनोवैज्ञानिक प्रभाव कार्य असुरक्षा और तनाव में इज़ाफा


क्या है इसका विकल्प? री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग

सरकार और कंपनियों को मिलकर AI, डेटा साइंस, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी जैसी स्किल्स में प्रशिक्षण देना चाहिए।

AI के साथ सह-अस्तित्व

AI को दुश्मन नहीं, सहायक के रूप में देखा जाए — जैसे कि निर्णय लेने में मदद, डाटा विश्लेषण में सहारा।

मानव-केंद्रित नौकरियाँ

जहां भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नेतृत्व, रचनात्मकता और मानवीय संवाद ज़रूरी हो — जैसे शिक्षण, परामर्श, मनोविज्ञान, सामाजिक कार्य आदि।

सरकारी हस्तक्षेप और नीति निर्माण

Universal Basic Income (UBI) जैसे प्रयोग

AI के कारण हुए जॉब लॉस पर पुनर्वास नीति

नई श्रम नीतियाँ और रोजगार सुरक्षा कानून

यह कैसे काम करता है – AI आधारित HR सिस्टम का विश्लेषण

डेटा प्रोसेसिंग लाखों कैंडिडेट डेटा को एकत्र कर मॉडल तैयार करता है।

पैटर्न रिकग्निशन एल्गोरिद्म तय करता है कि कौन-सा उम्मीदवार किस पद के लिए उपयुक्त है।


चैटबॉट/वॉइस बॉट कैंडिडेट्स से सवाल-जवाब करते हैं।


फीडबैक लूप समय के साथ AI खुद को सुधारता है।

24×7 ऑपरेशन छुट्टी, लाभ, शिकायत जैसी सेवाएं बिना मानव हस्तक्षेप के मिलती हैं।

IBM का भविष्य क्या कहता है?

IBM ने स्पष्ट किया है कि उसका फोकस “Efficiency Through Automation” पर है। यानी कम समय में अधिक काम, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि पारंपरिक जॉब्स का अंत निकट है।

AI क्रांति अब सिर्फ कल्पना नहीं, सच्चाई बन चुकी है। IBM की इस छंटनी को केवल एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए — कि अगर आज हमने नई स्किल्स नहीं सीखी, तो कल नौकरी सिर्फ मशीन की होगी, इंसान की नहीं।

एक सवाल हम सबके लिए
“क्या आप वो स्किल्स सीख रहे हैं जो AI नहीं सीख सकता?”

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Kailash Pandey
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