
अमरकंटक, अनूपपुर। मातृत्व – जीवन का सबसे पवित्र स्वरूप और समाज की असली धुरी। इस भावना को केंद्र में रखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने मंगलवार को अमरकंटक में मां नर्मदा के उद्गम स्थल पर विशेष पूजा-अर्चना कर मातृत्व की गरिमा को प्रणाम किया। मां नर्मदा के चरणों में सिर नवाते हुए उन्होंने कहा, “मां और बच्चे स्वस्थ होंगे तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा; मातृत्व का संरक्षण ही सशक्त भारत की असली बुनियाद है।”
पूरे मंदिर परिसर में घंटियों की मधुर ध्वनि और श्रद्धालुओं की जय-जयकार के बीच उन्होंने देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान उनके भाव चेहरे पर साफ झलक रहे थे कि माताओं की भूमिका को वे कितनी प्राथमिकता देती हैं।

इसके बाद मंत्री श्रीमती ठाकुर ने वार्ड क्रमांक 11 के बैंक टोला आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया। वहां मातृत्व के वास्तविक स्वरूप को उन्होंने करीब से देखा। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की माताओं के बीच बैठकर उन्होंने उनकी भावनाएं और चिंताएं सुनीं। गोद भराई की रस्म को स्वयं पूरा करते हुए उन्होंने उस भाव को सजीव किया जिसे हर महिला अपनी जिंदगी में संजोती है। उन्होंने कहा, “एक मां स्वस्थ होगी तो आने वाली पीढ़ियां भी मजबूत बनेंगी। समाज और देश की नींव मातृत्व में ही बसती है।”

इस कार्यक्रम में जब नन्हे-मुन्ने बच्चों ने मंत्री जी को गीत और कहानियां सुनाईं, तो उनकी आंखों में गर्व और वात्सल्य का मिला-जुला भाव स्पष्ट दिखा। उन्होंने बच्चों में बिस्कुट बांटे और आंगनबाड़ी में अपनी मां के नाम पर एक आम का पौधा रोपित किया। मंत्री जी ने कहा कि यह पौधा मातृत्व की अमरता और प्रकृति की शक्ति दोनों का प्रतीक रहेगा।
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष एक लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने का काम कर रही है ताकि माताओं और बच्चों को सर्वोत्तम सुविधाएं मिल सकें। मंत्री श्रीमती ठाकुर ने कहा, “डबल इंजन की सरकार माताओं के सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है। मातृत्व सम्मान के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता।”

कार्यक्रम के दौरान कोल विकास प्राधिकरण कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त मंत्री श्री रामलाल रौतेल, नायाब तहसीलदार श्री कौशलेंद्र मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद परस्ते, और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

मां नर्मदा के मंदिर परिसर में मंत्रोच्चारण और शंखनाद की ध्वनि से वातावरण मातृत्व और प्रकृति के सामंजस्य की अद्भुत अनुभूति करा रहा था। आंगनबाड़ी में माताओं के चेहरे पर उम्मीद और बच्चों की मासूमियत ने माहौल को जीवंत बना दिया। मंत्री जी के हाथों पौधरोपण के समय हल्की-हल्की बारिश की फुहारें भी इस आयोजन को और पावन बना गईं, मानो प्रकृति भी मातृत्व का आशीर्वाद बरसा रही हो ।



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