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सतना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जोरदार सम्मेलन संपन्न, एटक ने सुनाई संघर्ष की हुंकार

सतना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जोरदार सम्मेलन संपन्न, एटक ने सुनाई संघर्ष की हुंकार




मध्य प्रदेश के सतना जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक (AITUC) के तत्वावधान में 4 मई 2025 को टाउन हॉल में भव्य जिला सम्मेलन संपन्न हुआ। यह सम्मेलन महिला सशक्तिकरण और मज़दूर अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। सम्मेलन की अध्यक्षता कामरेड प्रीति ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय महासचिव कामरेड विभा पांडेय मौजूद रहीं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर एटक मध्य प्रदेश के उप महासचिव कामरेड रामसरोज कुशवाहा और वरिष्ठ अधिवक्ता कामरेड अरुणा पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन का आयोजन न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर केंद्रित था, बल्कि यह भविष्य की लड़ाइयों की रूपरेखा तैयार करने का भी मंच बना।


सम्मेलन की शुरुआत उत्साहपूर्ण माहौल में हुई, जहां बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका उपस्थित रहीं। मंच से संबोधित करते हुए कामरेड विभा पांडेय ने कहा कि एटक न सिर्फ मैदानी लड़ाई लड़ रहा है, बल्कि न्यायालयीन संघर्ष में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं के भवन रंगाई के नाम पर मिलने वाले 8,000 रुपये की राशि सीधे उनके खातों में डलवाने का काम एटक ने कराया। साथ ही, साड़ी वितरण में बहनों की पसंद को प्राथमिकता दिलवाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एटक कार्यकर्ताओं की हर छोटी-बड़ी समस्या को गंभीरता से लेता है।

कामरेड विभा पांडेय ने यह भी बताया कि पोषण ट्रैकर एप के खिलाफ एटक ने न्यायालय में याचिका दायर की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में जबलपुर हाईकोर्ट में ग्रेच्युटी भुगतान के लिए याचिका दायर की गई है। गुजरात हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के नियमितीकरण और न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित कराने के लिए भी न्यायालयीन लड़ाई लड़ी जा रही है।

सम्मेलन में उपस्थित कामरेड रामसरोज कुशवाहा ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि पीएफ, पेंशन और ₹26,000 न्यूनतम मजदूरी के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संगठित होकर लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि मजदूर संगठनों की एकता ही इन अधिकारों को दिला सकती है। कामरेड अरुणा पटेल ने भी महिलाओं को संगठित रहने और अपने हक के लिए डटकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी।

सम्मेलन के दौरान कई अन्य कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए और संगठन को मजबूत करने की शपथ ली। इस अवसर पर सर्वसम्मति से नई जिला कमेटी का गठन किया गया, जिसमें निम्न पदाधिकारी चुने गए:

1. अध्यक्ष – कामरेड बसंती द्विवेदी2. महासचिव – कामरेड प्रीति गौतम 3. उपाध्यक्ष – कामरेड ममता गौतम
4. उप महासचिव – कामरेड बसंती तिवारी 5. सचिव – कामरेड सीमा मिश्रा 6. कोषाध्यक्ष – कामरेड रोशनी गर्ग

7. कार्यकारिणी सदस्य – कामरेड प्रीति त्रिपाठी, कामरेड मिथिलेश पांडेय, कामरेड नितू मिश्रा, कामरेड लक्ष्मी वर्मा आदि।


सम्मेलन के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने तत्काल सदस्यता अभियान चलाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और भविष्य में संघर्ष की नई इबारत लिखने का भरोसा जताया गया।

आंदोलन की आगामी रूपरेखा

सम्मेलन में यह घोषणा भी की गई कि 5 मई 2025 को देशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका ₹26,000 न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर आंदोलन करेंगी। इसके अलावा 20 मई 2025 को एटक अन्य संगठनों के साथ मिलकर नियमितीकरण, ग्रेच्युटी, पीएफ और पेंशन की मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेगा।

इतिहास और संघर्ष का प्रतीक

एटक भारत का सबसे पुराना मजदूर संगठन है, जिसकी स्थापना 1920 में हुई थी। 105 वर्षों के संघर्ष का यह इतिहास अपने आप में मिसाल है। सम्मेलन में वक्ताओं ने एटक के संघर्षमयी इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन की यह लड़ाई भविष्य में भी अनवरत जारी रहेगी।

सम्मेलन का समापन एक सकारात्मक ऊर्जा और संकल्प के साथ हुआ, जहां सभी ने संगठन को और मज़बूत करने का वादा किया। यह सम्मेलन सतना जिले में महिला सशक्तिकरण और मज़दूर अधिकारों की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ।

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