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ईडी का बड़ा एक्शन इंदौर, भोपाल, जबलपुर में 71 करोड़ के आबकारी घोटाले पर छापेमारी, कई अधिकारी गिरफ्तार

ईडी का बड़ा एक्शन इंदौर, भोपाल, जबलपुर में 71 करोड़ के आबकारी घोटाले पर छापेमारी, कई अधिकारी गिरफ्तार

ईडी का बड़ा एक्शन इंदौर, भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में 71 करोड़ के आबकारी घोटाले पर छापेमारी, फर्जी एफडीआर घोटाले में कई अधिकारी घेरे में

भोपाल, 28 अप्रैल 2025।
मध्य प्रदेश में 71 करोड़ रुपये के आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाले को लेकर आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर सहित कई प्रमुख शहरों में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की।
ईडी की 18 टीमों ने सुबह तड़के समन्वित कार्रवाई करते हुए संबंधित आबकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और बिचौलियों के ठिकानों पर दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की गहन तलाशी ली।

यह कार्रवाई आबकारी विभाग में फर्जी बैंक चालान, जाली एफडीआर (FDR) बनवाने, और राजस्व की बड़ी हेराफेरी से जुड़े आरोपों की जांच के तहत की गई है।


क्या है 71 करोड़ का आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाला?

इस घोटाले के तहत कुछ आबकारी अधिकारियों ने

शराब ठेकेदारों से ली जाने वाली लाइसेंस फीस,

आबकारी शुल्क,

और अन्य बकाया राजस्व
को सरकारी खाते में जमा कराने के बजाय
फर्जी बैंक चालान और जाली एफडीआर तैयार करवाकर अपने निजी हित में इस्तेमाल किया।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस तरीके से करीब 71 करोड़ रुपये का गबन किया गया है।

ईडी की कार्रवाई का दायरा आज हुई कार्रवाई में
इंदौर,भोपाल,जबलपुर,ग्वालियर,रीवा,सागर,उज्जैन,कटनी,

और छिंदवाड़ा जिलों में एक साथ रेड डाली गई।
इन जिलों में या तो आरोपियों के कार्यालय, घर, अथवा संबंधित बैंक शाखाएँ शामिल हैं, जहां से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।

किस तरह से फर्जी एफडीआर (FDR) घोटाला हुआ?

शराब कारोबारियों और ठेकेदारों से जो बैंक गारंटी (एफडीआर) मांगी जाती है, उसमें असली बैंक से एफडीआर बनवाने के बजाय,

कुछ अधिकारियों ने फर्जी एफडीआर प्रमाण पत्र तैयार करवाए।

बैंक खातों की असल में जांच करने पर पता चला कि इनमें राशि कभी जमा ही नहीं हुई थी, यानी दस्तावेज पूरी तरह जाली थे।

इसके चलते ठेकेदारों को लाइसेंस जारी कर दिए गए जबकि राजस्व की वसूली नहीं हुई।

ईडी की 18 टीमों ने क्या-क्या बरामद किया?

संदिग्ध बैंक चालान,जाली एफडीआर दस्तावेज,नकद रकम,
कंप्यूटर हार्ड डिस्क और मोबाइल डेटा,

वॉट्सएप चैट और बैंकिंग लेनदेन के सबूत बरामद किए गए हैं।
प्रारंभिक तौर पर ईडी को कुछ अधिकारियों और शराब ठेकेदारों के बीच भारी मनी लॉन्ड्रिंग के प्रमाण भी मिले हैं।

अब तक सामने आए प्रमुख आरोपी कई वरिष्ठ आबकारी निरीक्षक,जिला आबकारी अधिकारी,कुछ शराब ठेकेदार,

और दलाल जो बैंक अफसरों से मिलकर फर्जी एफडीआर बनवाते थे।

मध्य प्रदेश में फर्जी FDR की शिकायतें कहां-कहां दर्ज हुईं?

अब तक फर्जी एफडीआर घोटाले से संबंधित शिकायतें इन जिलों से दर्ज हुई हैं

सभी बरामद दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी।

जिन बैंकों के नाम से जाली एफडीआर बने, उनकी शाखाओं के खिलाफ भी कार्रवाई संभव है।

दोषी अधिकारियों और शराब कारोबारियों की संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं।

कई अधिकारियों और ठेकेदारों से जल्द ही पूछताछ शुरू होगी।

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(M.P.)

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