
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें इन चैनलों पर भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील, झूठी और भ्रामक सामग्री प्रसारित करने का आरोप है।
प्रतिबंधित चैनलों में प्रमुख पाकिस्तानी समाचार नेटवर्क जैसे डॉन न्यूज़, समा टीवी, एआरवाई न्यूज़, जियो न्यूज़, बोल न्यूज़, सनू न्यूज़ और रफ्तार शामिल हैं।
इसके अलावा, पाकिस्तानी पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स जैसे इरशाद भट्टी, असमा शिराज़ी, उमर चीमा, मुनीब फारूक, वसी हबीब, और शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल भी इस सूची में हैं।
इन चैनलों का कुल सब्सक्राइबर बेस लगभग 6.3 करोड़ है।
सरकार के अनुसार, इन चैनलों द्वारा प्रसारित की गई सामग्री न केवल भ्रामक थी, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रही थी।
इस कार्रवाई के साथ ही, भारत सरकार ने बीबीसी को भी एक पत्र भेजा है, जिसमें पहल्गाम हमले की रिपोर्टिंग में आतंकवादियों को “मिलिटेंट्स” कहने पर आपत्ति जताई गई है।
सरकार ने बीबीसी की रिपोर्टिंग की निगरानी करने का निर्णय लिया है।
पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोक दी हैं, और दोनों देशों के राजनयिकों को वापस बुला लिया गया है।
यह प्रतिबंध भारत सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह देश की सुरक्षा और अखंडता के खिलाफ किसी भी प्रकार की भ्रामक और भड़काऊ सूचना के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।



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