
गर्मियों की तीखी धूप और तपते सूरज के बीच जब हर कोई राहत की तलाश में है, ऐसे में राजनगर के हसदेव क्षेत्र में जागृति महिला समिति ने समाज सेवा की मिसाल पेश की। श्रद्धा महिला मंडल की प्रेरणादायी सामाजिक गतिविधियों से प्रेरित होकर समिति की महिलाओं ने जरूरतमंदों के लिए राहत का माध्यम बनते हुए एक सुंदर कल्याणकारी पहल की
राजनगर, हसदेव क्षेत्र | दिनांक 6 अप्रैल की दोपहर जब पारा 42 डिग्री को छू रहा था और लू के थपेड़ों से राहगीर परेशान थे, उस समय हसदेव क्षेत्रीय कार्यालय के पास कुछ महिलाएं छाता और गमछा लेकर खड़ी थीं। ये कोई आम दिन नहीं था, बल्कि सेवा और स्नेह की मिसाल का दिन था, जिसे जागृति महिला समिति ने श्रद्धा महिला मंडल के सहयोग से और अपनी अध्यक्ष श्रीमती विनीता शर्मा के नेतृत्व में विशेष बनाया।
श्रीमती विनीता शर्मा ने राहगीरों और स्थानीय नागरिकों को गर्मी से बचाव के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि इस मौसम में अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, साथ ही तेज धूप में निकलते समय छाता, टोपी या गमछे का उपयोग अवश्य करना चाहिए।

इसके बाद समिति की महिलाओं ने सेवा का सिलसिला आगे बढ़ाया। उन्होंने जरूरतमंदों को 50 सूती गमछे, 20 छाते, 20 जोड़ी चप्पल और 50 खाने के पैकेट (जिसमें बिस्किट, लस्सी, चॉकलेट और नमकीन शामिल थे) वितरित किए। गर्मी की मार झेल रहे मजदूरों, राहगीरों और जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों के चेहरों पर उस समय मुस्कान थी, जब उन्हें यह छोटी-छोटी लेकिन राहतभरी सौगातें मिलीं।
धूप में तपती सड़क, माथे पर पसीना और एक राहगीर की थकी आंखें — तभी एक महिला मुस्कुराती हुई पास आती है, हाथ में गमछा थमाते हुए कहती है, “इसे ओढ़ लीजिए, धूप कम लगेगी।” वही महिला फिर चप्पल निकालकर एक नंगे पांव महिला को देती है, जो आश्चर्य से देखती है और आशीर्वाद देती है। बच्चों के हाथ में जब चॉकलेट और लस्सी पहुंचती है तो उनका चेहरा खिल उठता है। पूरे इलाके में उस समय न सिर्फ राहत बंट रही थी, बल्कि इंसानियत की सौंधी खुशबू भी फैल रही थी।
सहयोगी सदस्यों की सराहनीय भागीदारी
इस पुनीत कार्य में समिति की अन्य सदस्याएं — सरिता सिंह, रजनी सिंह, उषा शर्मा, पुष्पा नेताम, सुष्मिता मिश्रा, अस्मिता प्रधान, स्नेहा नामदेव, रिचा जिंदल और ब्यूटी ओझा — ने अपने समय, ऊर्जा और समर्पण से इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इन सभी महिलाओं ने मिलकर यह सिद्ध किया कि सच्ची सेवा केवल दान नहीं, बल्कि संवेदना और स्नेह का आदान-प्रदान है।
श्रद्धा महिला मंडल की प्रेरणा और जागृति महिला समिति के समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इरादे नेक हों और प्रयास सामूहिक, तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। यह कल्याणकारी सेवा कार्यक्रम न सिर्फ एक राहत अभियान था, बल्कि समाज को जागरूक करने का भी संदेश था।
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