
अनूपपुर, विकास की राह में अटकी घोषणाएं और जनप्रतिनिधियों का ‘चिट्ठी खेल’
मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की जनता लंबे समय से विकास कार्यों की बाट जोह रही है। क्षेत्रीय विधायक और जनप्रतिनिधि विधानसभा में लगातार सवाल उठा रहे हैं, लेकिन उनकी घोषणाओं और सरकारी जवाबों का क्रियान्वयन कितना होता है, यह खुद एक बड़ा सवाल बना हुआ है। जनता की जिज्ञासा बनी रहती है कि आखिर विधानसभा में पूछे गए सवालों के उत्तर और उनकी जमीनी हकीकत कहां खो जाती है?
अनूपपुर विधायक बिसाहू लाल सिंह जी ने विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 16 अगस्त को की गई कई घोषणाओं का मुद्दा उठाया था। इन घोषणाओं में शामिल थे,

अनूपपुर हवाई अड्डा – यह परियोजना अब तक अधर में लटकी हुई थी, लेकिन हाल ही में इसके लिए सरकारी और निजी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की सूचना मिली है। कदमटोला हाईवे पर दैखल क्षेत्र के पास इसका निर्माण प्रस्तावित है, जिससे क्षेत्र को हवाई संपर्क मिलेगा। जिला विकास में यह हवाई अड्डा उन्नति की नई उड़ान भरेगा ।
मेडिकल कॉलेज – IGNTU अमरकंटक ने मेडिकल

कॉलेज खोलने की इच्छा जाहिर की है और इसके लिए जमीन की मांग की गई है। हालांकि, यहां की प्रशासनिक फाइलों का भविष्य कोई भी पूर्वानुमान नहीं लगा सकता।
गीता भवन, सब्जी मार्केट और बस स्टैंड – यह घोषणाएं अभी धरती में नहीं उतरी हैं। कोतमा विधानसभा क्षेत्र में कुछ सड़कों को स्वीकृति मिल चुकी है और खनिज प्रतिष्ठान मद से फंड भी जारी हो चुका है, लेकिन अनूपपुर जिला मुख्यालय की घोषणाएं लूप लाइन में खड़ी हैं।

रेलवे सुविधाएँ अनदेखी का शिकार अनूपपुर
रेलवे स्टेशन की आधारभूत समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं। एक नंबर से चार नंबर प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए पहले एक फुट ओवरब्रिज था, जिसे तकनीकी कारणों से तोड़ दिया गया। तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नया ब्रिज नहीं बन पाया। यह राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और तकनीकी बहानों का परिणाम है।



शहडोल सांसद हिमांदी सिंह ने रेलवे मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि शहडोल से नागपूर जाने वाली ट्रेन को अंबिकापुर से नागपुर के लिए ट्रेन चलाई जाए। इससे क्षेत्र के यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलने की उम्मीद है।
दुर्ग अंबिकापुर को नागपूर तक चलाए जाने की मांग तेज हो रही है। जिला न्यायालय भवन निर्माण नया निर्माण कराया जाए के लिए भी चिट्ठी लिखी गई है

अनूपपुर जिले वरिष्ठ वकील जागरूक नागरिक वासुदेव चटर्जी जी की लगन से यात्री ट्रेन विस्तार में लाभ मिलेगा।

बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता
सार्वजनिक शौचालयों की कमी – जिला मुख्यालय में एक भी उच्च स्तरीय सुलभ शौचालय नहीं है। दूर-दराज से आने वाले लोगों को निजी समस्याओं के लिए भटकना पड़ता है। यह समझ से परे है कि क्या नगर पालिका प्रशासन के पास शौचालय निर्माण के लिए जमीन की कमी है, या यह भी ‘तकनीकी समस्या’ का बहाना मात्र है?अनूपपुर मास्टर प्लान का अस्तित्व – मास्टर प्लान की कोई ठोस जानकारी नहीं है। क्या सरकारी जमीनों को दलालों ने बेच डाला, यह सवाल उठना लाजमी है।

क्षेत्र में नशाखोरी के कारण अब तो एक समुदाय विशेष पति पत्नी दोनों शराब पी रहे हैं और एक दूसरे की हत्या कर रहे हैं यह भी यह भी शराब बनाने की छूट का परिणाम है।कोई भी समाज नशे की स्थिति में उन्नति नहीं कर सकता। लेकिन शायद सत्ता को यही सहूलियत में लगता है कि लोग नशे में डूबे रहें और विकास की मांग न करें।
न्यायालय भवन और रोजगार के मुद्दे

विधायक पुष्पराजगढ़ ने विधानसभा में जिला न्यायालय भवन के निर्माण कार्य का मुद्दा उठाया है। बताया गया है कि अगले वित्तीय वर्ष में गठित कमेटी की स्वीकृति के बाद फंड जारी कर दिया जाएगा।

रोजगार की बात करें तो, फुनगा क्षेत्र में लगने वाले पावर प्लांट में एक नई कंपनी कार्यभार संभालने वाली है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद बढ़ी है। यह सभी विकास कार्य और बुनियादी ढांचा का क्रियान्वयन

अनूपपुर कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली जी की इच्छा शक्ति से मूर्तरूप लेंने की कगार पर हैं।
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