
10 मार्च 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापा मारा। यह कार्रवाई राज्य में 2019 से 2022 के बीच हुए कथित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई थी।
ईडी की टीम ने सुबह से लेकर शाम तक लगभग 11 घंटे तक बघेल के निवास पर तलाशी ली। इस दौरान 33 लाख रुपये नकद बरामद किए गए, जिन्हें गिनने के लिए नोट गिनने की मशीनें मंगाई गईं। बघेल ने इस राशि को वैध बताते हुए कहा कि यह उनकी कृषि आय से संबंधित है और वे इसका पूरा हिसाब देने के लिए तैयार हैं।
छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों ने बघेल और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की, साथ ही दस्तावेजों और सोने-चांदी के आभूषणों की भी जांच की। इसके अलावा, उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जहां से कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए।
छापेमारी के बाद जब ईडी की टीम बघेल के निवास से बाहर निकल रही थी, तो उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और ईडी की गाड़ियों पर पत्थर फेंके। इस घटना में ईडी की टीम पर हमला हुआ, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि विधानसभा में सवाल पूछना अब अपराध हो गया है और यह छापा भाजपा की बौखलाहट का नतीजा है।
ईडी ने राज्य में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें बघेल का निवास भी शामिल था। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले की गहन जांच के तहत की गई है।
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