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सरकार की सौगातें: मुफ्त की लत या जनकल्याण का हथकंडा?

सरकार की सौगातें: मुफ्त की लत या जनकल्याण का हथकंडा?

हाल ही में मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि “लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत हो गई है”।  इस बयान के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मंत्री के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे जनता का अपमान बताया और 5 मार्च से प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।

मंत्री पटेल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि यह एक सामाजिक मंच पर दिया गया था और उनका उद्देश्य समाज को स्वाभिमान के साथ खड़ा करना था। उन्होंने कहा कि यह बयान किसी पार्टी के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक सामाजिक मंच पर कही गई बात थी।

इस विवाद के बीच, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हैं, ने मामले का संज्ञान लिया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी की छवि को नुकसान से बचाने के लिए मंत्री पटेल के इस्तीफे पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।

यह घटना उस समय सामने आई है जब सरकार द्वारा चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं पर बहस तेज है। कई लोग इन योजनाओं को जनता को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय उन्हें निर्भर बनाने का आरोप लगाते हैं, जबकि अन्य लोग इन्हें सामाजिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ प्रमुख मुफ्त योजनाएं हाल ही में, मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, प्रहलाद सिंह पटेल, ने राजगढ़ जिले के मुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोग सरकार से भीख मांगने की आदत डाल रहे हैं, जो समाज को कमजोर करता है।

सरकारी योजनाएँ
भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार विभिन्न आयु वर्गों, जातियों, और समुदायों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ चला रही हैं। कुछ प्रमुख योजनाएँ
1. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY): सभी नागरिकों के लिए बैंक खाते खोलने की सुविधा।
2. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY): गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना।
3. स्वच्छ भारत मिशन (SBM): सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वच्छता सुविधाओं का निर्माण।
4. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): सभी के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराना।
5. मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना: बालिकाओं के शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए वित्तीय सहायता।
6. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
7. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना: किसानों को वित्तीय सहायता और लाभ प्रदान करना।
8. आयुष्मान भारत योजना: स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से गरीब और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना।
9. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना: कम प्रीमियम पर जीवन बीमा कवर प्रदान करना।
10. अटल पेंशन योजना: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन सुविधा।
11. किसान क्रेडिट कार्ड: किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराना।
12. निर्माण श्रमिक पंजीयन: भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकारों का पंजीयन और लाभ प्रदान करना। जन्म से लेकर मृत्यु तक की योजनाएं चल रहीं हैं इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
सरकारी योजनाएँ समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के लिए बनाई जाती हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ये योजनाएँ लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हों, न कि उन्हें निर्भरता की ओर ले जाएँ। मंत्री प्रहलाद पटेल का बयान इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय है, जो समाज में आत्मनिर्भरता और सरकारी सहायता के बीच संतुलन पर केंद्रित है।

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