
उच्च न्यायालय जबलपुर का सख्त रुख: अनुपपुर सीएमएचओ को एक सप्ताह में व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश
अनुपपुर: जिले के व्यापारियों के वर्षों से अटके सरकारी भुगतान के मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने अनुपपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करें और यह स्पष्ट करें कि याचिकाकर्ता का बकाया भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया।
मामला चेतना नगर स्थित बजरंग मोटर्स का है, जिसने 2007 से 2016 तक स्वास्थ्य विभाग को वाहन पार्ट्स की आपूर्ति की थी। बावजूद इसके, विभाग ने भुगतान में अनावश्यक देरी की। व्यापारी द्वारा कई बार जिला प्रशासन से लेकर भोपाल तक शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अंततः न्याय की आस में फर्म ने उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका दायर की।
कोर्ट के आदेश के बाद रीजनल डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं रीवा को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद अनुपपुर स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल 80,339 रुपये का भुगतान किया। शेष राशि के लिए पुनः रीवा को पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक संपूर्ण भुगतान नहीं किया गया है।
28 फरवरी 2025 को हुई सुनवाई में न्यायालय ने अनुपपुर के सीएमएचओ को तलब करते हुए स्पष्ट किया कि यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद जिले के कई व्यापारियों को वर्षों से अटके हुए उनके बकाया भुगतान प्राप्त हुए हैं।
इस मामले में बजरंग मोटर्स की ओर से अधिवक्ता दीपक पांडे ने पक्ष रखा। व्यापारी वर्ग में इस निर्णय के बाद उम्मीद जगी है कि प्रशासन अब उनकी लंबित राशि के भुगतान में लापरवाही नहीं बरतेगा।



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