



भोपाल अवैध होर्डिंग्स की भरमार ने सड़क को दुर्घटनाओं का अड्डा बना दिया है। हर 500 मीटर पर “फार्म हाउस विक्रय” के नाम पर लगाए गए विज्ञापन इस ओर इशारा करते हैं कि क्षेत्र में लैंड माफिया सक्रिय है। ये माफिया 1000 से 3000 वर्गफीट तक के प्लॉट फार्म हाउस बताकर बेच रहे हैं, जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि खरीददार भी धोखे का शिकार हो रहे हैं।
देवरी कलां में अवैध कॉलोनियों का निर्माण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देवरी कलां ग्राम, जो अब नगर निगम क्षेत्र का हिस्सा बन चुका है, वहां कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। यह स्पष्ट रूप से नगर नियोजन नियमों का उल्लंघन है। प्रशासन द्वारा एक बार कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण दोबारा शुरू हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों की शह पर यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।
फेंसिंग कारखाने और बिजली चोरी का खेल
इसी क्षेत्र में बालाजी फेंसिंग नामक कारखाना संचालित हो रहा है, जिसकी होर्डिंग्स मुख्य सड़क पर कई जगहों पर देखी जा सकती हैं। आरोप है कि एक निजी प्लॉट के बाहर भी अवैध तरीके से होर्डिंग लगाई गई। जब एक व्यक्ति ने इसका विरोध किया, तो उसे धमकी देते हुए कहा गया कि “जो करना हो कर लो, सड़क पर होर्डिंग लगाई है।”
इसके अलावा, कई दुकान और कारखाने बिना उचित अनुमति के संचालित हो रहे हैं। बिजली की चोरी भी धड़ल्ले से हो रही है, जहां बिजली के तार बांस के डंडों के सहारे सड़क के ऊपर लटकाए गए हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
भूमि बिक्री से जुड़े नियम और आवश्यक अनुमतियां
कृषि भूमि: सीधे किसी भी व्यक्ति को फार्म हाउस के नाम पर बेची नहीं जा सकती जब तक कि उसे गैर-कृषि उपयोग के लिए अनुमति न मिले।
नियोजित कॉलोनी: कॉलोनी विकसित करने के लिए टीएनसीपी (नगर एवं ग्राम निवेश विभाग) की अनुमति आवश्यक होती है।
नगर निगम की मंजूरी: यदि भूमि नगर निगम क्षेत्र में आती है, तो वहां पर कॉलोनी या वाणिज्यिक गतिविधि के लिए नगर निगम से नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार्य है।
बिक्री एजेंट/दलाल: किसी भी व्यक्ति या संस्था को भूमि विक्रय करने के लिए वैध पंजीकरण और सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति लेनी होती है।
प्रशासन की जिम्मेदारी और मुख्यमंत्री का स्वच्छता अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल को स्वच्छ और सुव्यवस्थित शहर बनाना चाहते हैं, लेकिन इस प्रकार के अवैध निर्माण, होर्डिंग्स और बिजली चोरी उनकी मंशा पर पानी फेर रहे हैं। नगर निगम, जिला प्रशासन और विद्युत विभाग को त्वरित कार्रवाई कर इन होर्डिंग्स को हटाना चाहिए, बिजली चोरी रोकनी चाहिए और अवैध कॉलोनियों पर कड़ा प्रहार करना चाहिए, ताकि भोपाल सुरक्षित और स्वच्छ बना रहे।



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