
रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में तीन प्रसूताओं को सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया देने के बाद, होश में आने पर भी वे अपने परिजनों को पहचान नहीं पा रही हैं। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और संबंधित परिवारों में चिंता की लहर पैदा कर दी है।
गायनी विभाग में सिजेरियन ऑपरेशन के लिए तीन प्रसूताओं को एनेस्थीसिया दिया गया था। सामान्यतः ऑपरेशन के बाद मरीजों को कुछ समय में होश आ जाता है और वे सामान्य व्यवहार करने लगते हैं। हालांकि, इन मामलों में, होश में आने के बाद भी महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों को पहचानने में असमर्थ हैं।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया: घटना की गंभीरता को देखते हुए, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है जो प्रभावित महिलाओं की स्थिति की निगरानी कर रही है। प्रारंभिक जांच में एनेस्थीसिया की मात्रा, गुणवत्ता, और प्रशासन प्रक्रिया की समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा, संबंधित सर्जिकल और नर्सिंग स्टाफ से भी जानकारी एकत्र की जा रही है।
संभावित कारण और आगे की कार्रवाई: विशेषज्ञों का मानना है कि एनेस्थीसिया की प्रतिक्रिया प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। कभी-कभी दुर्लभ मामलों में, एनेस्थीसिया के बाद न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, सटीक कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत चिकित्सकीय परीक्षण और निगरानी आवश्यक है। अस्पताल प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और आवश्यकतानुसार बाहरी विशेषज्ञों की सहायता भी ली जाएगी।
परिवारों की चिंता प्रसूताओं के परिवारजन इस स्थिति से अत्यंत चिंतित हैं। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें नियमित रूप से मरीजों की स्थिति के बारे में जानकारी देने और मानसिक समर्थन प्रदान करने का वादा किया है।
यह घटना अस्पताल की चिकित्सा प्रक्रियाओं और एनेस्थीसिया प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।



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