
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से सजे सैकड़ों घर, मंत्री दिलीप जायसवाल बोले – कन्यादान सबसे बड़ा दान

विवाह सिर्फ दो आत्माओं का मिलन नहीं, बल्कि संस्कारों की विरासत को आगे बढ़ाने का पवित्र बंधन होता है। जब यह आयोजन सामाजिक सहयोग और सरकारी सहायता से संपन्न होता है, तो यह एक समृद्ध समाज की ओर कदम बढ़ाने का संकेत देता है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल बनी है, बल्कि सामूहिक विवाह को सामाजिक परंपरा का रूप देकर इसे और गरिमामयी बनाया है। इस योजना के तहत अनूपपुर जिले के जैतहरी और पुष्पराजगढ़ में सामूहिक विवाह समारोह का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें 798 जोड़ों ने वैवाहिक बंधन में बंधकर एक नई जिंदगी की शुरुआत की।













मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनी वरदान
मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि “कन्यादान सबसे बड़ा दान है” और सरकार इस पुनीत कार्य में गरीब परिवारों की सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब वर्ग के लिए वरदान साबित हो रही है, जिससे उन्हें अपनी बेटियों के विवाह को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती।
मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि इस योजना को कई अन्य प्रदेशों ने भी अपनाया है, क्योंकि इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलती है, बल्कि विवाह जैसे महत्वपूर्ण अवसर को गरिमामयी और भव्य रूप दिया जाता है। इस अवसर पर 447 जोड़ों का विवाह जैतहरी में और 351 जोड़ों का विवाह पुष्पराजगढ़ में संपन्न हुआ।





भव्य आयोजन में शामिल हुए जनप्रतिनिधि
पुष्पराजगढ़ में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, राज्य कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामलाल रौतेल, विधायक श्री फुंदेलाल मार्को, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह, कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली सहित कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने वर-वधु को आशीर्वाद दिया।
विधायक श्री फुंदेलाल मार्को ने कहा कि यह योजना बेटी को बोझ नहीं, बल्कि वरदान बनाने की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण प्रयास है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रीति रमेश सिंह और उपाध्यक्ष श्रीमती पार्वती वाल्मीकि राठौर ने भी नवदम्पत्तियों को शुभकामनाएं दीं।
सात फेरों के साथ नवदम्पत्तियों का गृहस्थ जीवन प्रारंभ
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए इन भव्य आयोजनों में वर-वधु की बारात पारंपरिक रीति-रिवाजों और बैंड-बाजों के साथ निकाली गई। द्वारचार में वर पक्ष का भव्य स्वागत हुआ। विवाह वैदिक मंत्रोच्चार और हिन्दू परंपराओं के अनुसार संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भोजन, पेयजल, आतिशबाजी, विवाह सामग्री एवं अन्य सुविधाओं की बेहतरीन व्यवस्था की गई थी।


नवदम्पत्तियों को मिली आर्थिक सहायता
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को गृहस्थी बसाने के लिए 49,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया। कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री दिलीप जायसवाल ने मंच से नवदम्पत्तियों को यह आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहारा देती है, बल्कि समाज में बाल विवाह को रोकने, दहेज प्रथा के दुष्प्रभावों को कम करने और सामूहिक विवाह की सकारात्मक परंपरा को आगे बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।





समाज की सहभागिता से मजबूत हो रही परंपरा
इस आयोजन के दौरान मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि “विवाह सात जन्मों का बंधन होता है, छोटी-छोटी बातों में दूरियां न बनाएं, गृहस्थ जीवन में समझौता आवश्यक होता है।” उन्होंने नवदम्पत्तियों को यह संदेश दिया कि वे अपने वैवाहिक जीवन में संयम और धैर्य बनाए रखें और अपने नए जीवन को प्रेम और विश्वास के साथ आगे बढ़ाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के माध्यम से समाज की सहभागिता और जनसहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है, जिससे प्रदेश की जनता आत्मनिर्भर बन सके।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने सामाजिक उत्थान और आर्थिक सहारा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे गरीब परिवारों को राहत है।



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