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आंगनबाड़ी में बगावत! सुपरवाइजर पदोन्नति और एफआरएस के खिलाफ सड़कों पर उतरीं सैकड़ों महिलाएं

आंगनबाड़ी में बगावत! सुपरवाइजर पदोन्नति और एफआरएस के खिलाफ सड़कों पर उतरीं सैकड़ों महिलाएं

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उग्र आंदोलनbसुपरवाइजर पदोन्नति एवं एफआरएस प्रणाली के खिलाफ अनूपपुर में प्रदर्शन
अनूपपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन (एटक) के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। यह आंदोलन एफआरएस (फोटो रिकॉर्ड सिस्टम) प्रणाली की जटिलताओं और सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति की मांग को लेकर आयोजित किया गया।

संगठित संघर्ष महिलाओं की बुलंद आवाज़
25 फरवरी को यूनियन की जिला अध्यक्ष अंजलि श्रीवास्तव के नेतृत्व में कामरेड लीला बांधव, कामरेड जयंती मार्को, कामरेड उर्मिला पाव, कामरेड उर्मिला विश्वकर्मा, कामरेड संगीता मरावी और कामरेड यशोदा देवी सहित सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शहर में रैली निकाली। इस प्रदर्शन का उद्देश्य शासन तक अपनी आवाज़ पहुँचाना और व्यवस्थागत खामियों को दूर करने की मांग करना था।
एफआरएस प्रणाली तकनीकी अव्यवस्था से त्रस्त कार्यकर्ता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि एफआरएस प्रणाली उनके लिए अतिरिक्त बोझ बन चुकी है। हितग्राहियों का फोटो खींचकर मोबाइल में सेव करने की अनिवार्यता से कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस प्रक्रिया में नेटवर्क की समस्या, सर्वर का बार-बार डाउन होना और पुराने मोबाइल की कार्यक्षमता बाधा बन रहे हैं।
पदोन्नति में उम्र सीमा बाधा क्यों?
प्रदर्शनकारियों की दूसरी महत्वपूर्ण मांग थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर विभागीय परीक्षा के बाद सीधे पदोन्नत किया जाए और इसके लिए आयु सीमा समाप्त की जाए। यूनियन का कहना है कि अनुभवी कार्यकर्ताओं को केवल उम्र के आधार पर पदोन्नति से वंचित करना अन्यायपूर्ण है।

अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, दी चेतावनी
रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कामरेड जनक राठौर (एडवोकेट) भी समर्थन में उपस्थित रहे। अंजलि श्रीवास्तव ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी स्तर पर ले जाया जाएगा और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। शासन को जल्द निर्णय लेना होगा, वरना परिणाम की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”
महिलाओं का बढ़ता प्रतिरोधभविष्य में क्या होगा?
इस आंदोलन से यह साफ़ हो गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और अब संघर्ष के लिए तैयार हैं। यदि प्रशासन जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लेता, तो यह आंदोलन और अधिक व्यापक रूप ले सकता है।

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Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

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