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मध्य प्रदेश में पोषण आहार घोटालाCAG का बड़ा खुलासा, बाइक और कंडम वाहनों से सप्लाई दिखाकर हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार
भोपाल से बड़ी खबर
मध्य प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण आहार के वितरण में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की रिपोर्ट ने चौकाने वाली जानकारी दी है कि 773 टन पोषण आहार की सप्लाई बाइक, ऑटो और कंडम हो चुकी कारों से दिखाई गई। इन गड़बड़ियों के कारण सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के 6 ज्वाइंट डायरेक्टरों को नोटिस जारी किया है।
क्या है पोषण आहार घोटाला?
मध्य प्रदेश सरकार हर महीने गर्भवती महिलाओं, तीन साल तक के बच्चों और उनकी देखभाल करने वाली महिलाओं को टेक होम राशन (Take-Home Ration) देती है।
यह राशन राज्य के शिवपुरी, सागर, मंडला, धार, रीवा और बाड़ी स्थित 6 संयंत्रों में तैयार किया जाता है।
इसे करीब 48 लाख महिलाओं और बच्चों तक पहुंचाया जाता है।
लेकिन CAG की जांच में खुलासा हुआ कि सप्लाई के नाम पर फर्जी बिल बनाकर वाहनों के नंबर दिखाए गए, जिनमें से कई नंबर मोटरसाइकिल और कंडम वाहनों के थे।
CAG की जांच के बड़े खुलासे
1. 773 टन पोषण आहार फर्जी सप्लाई
जिस तारीख को यह पोषण आहार सप्लाई दिखाया गया, उस दिन स्टॉक में माल ही नहीं था।
2. 884 टन पोषण आहार की फर्जी बिलिंग
जिन वाहनों से परिवहन का दावा किया गया, वे बाइक, ऑटो और कंडम कारें थीं।
जांच में पाया गया कि इनमें से कई वाहन या तो बंद हैं या पोषण आहार ढोने में सक्षम नहीं हैं।जांच और कार्रवाई
विधानसभा की लोक लेखा समिति ने इस गड़बड़ी पर जवाब मांगा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने संबंधित 6 ज्वाइंट डायरेक्टरों को नोटिस जारी किया है।
विभागीय मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गड़बड़ी का कारण और सवाल
1. कौन हैं जिम्मेदार अधिकारी?
घोटाले की जड़ तक पहुंचने के लिए विभाग से जवाब मांगा गया है।
2. महिला एवं बाल विकास विभाग की भूमिका
विभाग द्वारा “लिपिकीय त्रुटि” का तर्क सामने आया है, लेकिन यह स्पष्टीकरण सवालों के घेरे में है।
3. पोषण आहार न मिलने के दुष्परिणाम
गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक पोषण आहार न पहुंचना राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर को और बढ़ा सकता है।
लोक लेखा समिति का बयान
सभापति ने कहा, “इस गड़बड़ी के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, इसका जल्द खुलासा किया जाएगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
मंत्री का बयान
विभागीय मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा, “जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा की समिति का निर्णय अंतिम होगा।”
इस मामले ने राज्य में सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
6 अधिकारियों को नोटिस, विभागीय मंत्री बोलीं- दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
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