भोपाल। झांसी, उत्तर प्रदेश के रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में हाल ही में हुई अग्नि दुर्घटना ने 10 नवजात शिशुओं की जान ले ली। इस भयावह घटना के बाद मप्र का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। शनिवार को विभाग ने निजी व सरकारी सभी अस्पतालों को फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
यह उपाय जरूरी
राजधानी के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि सरकारी व निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम और क्लीनिकों के अध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपनी संस्थाओं का इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से कराएं। फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर की स्थिति चालू होनी चाहिए। इन्हें समय-समय पर रिफिल कराया होना भी अनिवार्य है। नियमित अंतराल पर फायर ड्रिल कराई जाए और इसका लेखा-जोखा भी रखें। इसके अतिरिक्त आकस्मिक निकास द्वार बाधा रहित और सुलभ होना चाहिए।
स्टाफ को प्रशिक्षण दे रहे
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों में यह भी साफ कहा गया है कि सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल और सहायक स्टाफ को आपातकालीन स्थितियों में वार्ड खाली कराने का प्रशिक्षण दिलाया जाए। ध्यान रखा जाए कि विद्युत उपकरणों के उपयोग के दौरान खुले तारों या बिना प्लग के उपकरणों का उपयोग न हो। बिजली प्रणाली पर स्वीकृत भार से अधिक भार ना हो। आवश्यकता पड़ने पर बिजली कंपनी से अतिरिक्त भार स्वीकृत कराया जाए। ऑक्सीजन और अन्य ज्वलनशील पदार्थों को विद्युत उपकरणों और स्विच बोर्ड्स से दूर रखा जाए।
औचक निरीक्षण करेंगे
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश में बताए गए उपायों की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। किसी भी चूक के लिए वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इनकी जांच के लिए विभाग द्वारा औचक निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। यही नहीं, संचालकों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
तीन साल पहले हमीदिया में हुआ था हादसा
यहां पर यह बता दें कि नवंबर 2021 में राजधानी के हमीदिया परिसर में बने कमला नेहरू अस्पताल में भीषण आग लग गई, जिसमें 5 बच्चे जिंदा जल गए थे। बाद में जांच के दौरान सामने आया कि अस्पताल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। फायर कर्मियों ने अस्पताल में लगे ऑटोमेटिक हाईड्रेंट को देखा तो वो खराब पड़ा था। हर फ्लोर पर फायर एक्सटिंग्विशर तो थे, लेकिन काम नहीं कर रहे थे।
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