
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों का निपटारा अब मुख्य सचिव भी सुनेंगे
मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों की शिकायतों का समाधान करने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसमें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की शिकायतों की सुनवाई मुख्य सचिव द्वारा की जाएगी। यह कदम गुजरात के मॉडल को अपनाते हुए उठाया गया है, जहां उच्च स्तर के अधिकारियों को शिकायतों के निपटारे में शामिल किया गया है। इस नई प्रक्रिया का उद्देश्य शिकायतों के निपटारे में तेजी लाना और अधिकारियों की जिम्मेदारी को बढ़ाना है।
मुख्य सचिव की भूमिका
मुख्य सचिव की भूमिका इस नए तंत्र में महत्वपूर्ण होगी। अब, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त सभी शिकायतों का सुनवाई स्तर L1 से L5 तक होगा। L5 स्तर पर शिकायतों की सुनवाई मुख्य सचिव द्वारा की जाएगी, जिससे नागरिकों को अधिकतम न्याय और समाधान मिल सकेगा। मुख्य सचिव के स्तर पर सुनवाई का मतलब है कि गंभीर शिकायतें और मामलों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत निपटान की प्रक्रिया
शिकायतों का पंजीकरण नागरिक अपनी शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर पंजीकृत कर सकते हैं। यह प्रक्रिया अब अधिक सुलभ और पारदर्शी होगी।
स्तरीकरण सभी शिकायतों को L1 से L4 स्तर पर वर्गीकृत किया जाएगा। L1 स्तर पर शिकायतें सामान्य स्तर की होंगी, जबकि L5 स्तर पर गंभीर मामलों को रखा जाएगा।
मुख्य सचिव की सुनवाई L5 स्तर की शिकायतों का निपटारा मुख्य सचिव द्वारा किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उच्च स्तर पर गंभीर मामलों का समाधान हो।
हस्ताक्षर और टीप शिकायतों की सुनवाई करने वाले अधिकारी अब अपनी निर्णय प्रक्रिया को रिकॉर्ड करेंगे और हस्ताक्षर करेंगे। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।

जबरन शिकायत बंद नहीं करना अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी परिस्थिति में शिकायतों को जबरन बंद नहीं कर सकते। इससे नागरिकों की शिकायतों के प्रति गंभीरता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।
सुनवाई न होने पर मंत्रालय का तलब यदि किसी शिकायत की सुनवाई नहीं होती है, तो संबंधित अधिकारी को मंत्रालय में तलब किया जाएगा। यह कार्रवाई अधिकारियों के कामकाज पर निगरानी रखने का एक उपाय है।
तेज और प्रभावी समाधान: नागरिकों को अब अपनी शिकायतों के लिए उच्च स्तर के अधिकारियों का सहारा मिलेगा, जिससे समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाएगा।
बढ़ती पारदर्शिता टीप के साथ अधिकारी के हस्ताक्षर से शिकायतों की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
न्याय की सुलभता नागरिक अब अपनी शिकायतों को सीधे मुख्य सचिव तक पहुंचा सकेंगे, जिससे उन्हें न्याय पाने की बेहतर संभावनाएं मिलेंगी।
प्रशासनिक जवाबदेही अधिकारियों को उनकी कार्यप्रणाली के लिए जवाबदेह ठहराने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों का निपटारा अब और भी प्रभावी और पारदर्शी हो जाएगा। मुख्य सचिव की भूमिका और उच्च स्तर पर सुनवाई के नए तंत्र से यह सुनिश्चित होगा कि नागरिकों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए। यह प्रणाली न केवल नागरिकों के विश्वास को बढ़ाएगी बल्कि प्रशासन की जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगी। इस नए कदम के साथ मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकों की शिकायतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक नई दिशा दी है।


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