दीपावली के मौके पर अनूपपुर जिले के आदिवासी बहुल ग्राम अकुआ में अनूठा दृश्य देखने को मिला जब कोतवाली पुलिस अनूपपुर ने जरूरतमंदों में मिठाई, फल, पूजन सामग्री और फुलझड़ी का वितरण किया। इस अवसर पर “वर्दी के साथ हमदर्दी” जैसे जन सेवा स्लोगन को असल में चरितार्थ करने का प्रयास किया गया। पुलिस अधीक्षक अनूपपुर, श्री मोती उर रहमान के इच्छानुसार जिले में पुलिस व्यवस्था मजबूत की गई है ताकि त्योहार सुरक्षित और शांति से मनाया जा सके।
पुलिस की सकारात्मक पहल का मैसेज
“वर्दी के साथ हमदर्दी” एक जन सेवा स्लोगन है जो समाज में पुलिस की छवि को सकारात्मक और सहयोगी बनाने में सहायक है। इस पहल का उद्देश्य समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग के साथ त्योहारी खुशी साझा करना और यह संदेश देना है कि पुलिस केवल सुरक्षा व्यवस्था का ही नहीं, बल्कि समाज में अपनी सहभागिता को जनसेवा के रूप में भी देखती है। पुलिस का यह कदम उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा बन सकता है जो पुलिस को केवल कानून प्रवर्तन का हिस्सा मानते हैं।
समाज में सकारात्मक बदलाव का नजरिया
पुलिस अधीक्षक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर हर घर दिवाली कार्यक्रम मनाया गया। यह एक सराहनीय पहल है जो समाज में पुलिस की भूमिका को और अधिक व्यापक और मानवीय बनाता है। पुलिस ने इस अवसर पर न केवल सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि उन लोगों के बीच जाकर भी अपनी जिम्मेदारी को निभाया जो त्योहार पर जरूरतमंद हैं।
वर्दी और हमदर्दी का मेल
कोतवाली पुलिस के अधिकारी जैसे टी.आई. अरविंद जैन, महिला उप निरीक्षक सरिता लकड़ा, सहायक उप निरीक्षक सुखीनंदन यादव, प्रधान आरक्षक शेख रशीद और प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह द्वारा की गई इस पहल ने पुलिस को समाज का अभिन्न अंग सिद्ध किया है। वे वर्दी में रहकर न केवल कानून की रक्षा करते हैं, बल्कि संवेदनशीलता के साथ लोगों की सहायता भी करते हैं। इस जन सेवा स्लोगन से जुड़े सकारात्मक प्रयास पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास और सौहार्द को बढ़ावा देना भी है।
‘हमदर्दी’ से ‘हर घर दीपावली’
इस तरह की पहल से यह स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मी भी समाज के हित में कार्य करने के लिए तत्पर हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या में भी वे जन सेवा के लिए समय निकालते हैं। त्योहार के अवसर पर जरूरतमंदों को मिष्ठान, फल, पूजन सामग्री और फुलझड़ी देकर पुलिस ने हर घर दीपावली को साकार किया है। यह उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो समाज के हाशिये पर हैं और त्योहार की खुशी से वंचित रहते हैं।
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