उच्च शिक्षा विभाग का सख्त रुख, प्रोफेसर पढ़ाई के अलावा और कुछ न करें,सार्थक एप से मॉनीटरिंग की प्लानिंग तेज,नॉन परफॉर्मिंग स्टाफ पर कार्रवाई की तैयारी
जबलपुर। पढ़ाई के अलावा दूसरे कामों में व्यस्त प्रोफेसरों के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि वे कलेक्टर द्वारा बुलाई गयी बैठकों में भी न जाएं,क्योंकि उनका काम क्लास में बच्चों को पढ़ाना है।
विभाग सरकारी कॉलेज में नियुक्त नॉन परफॉर्मर शिक्षक और प्रोफेसर्स की लिस्ट तैयार कराई जा रही है। इन टीचर्स की जिम्मेदारी यह होगी कि वे सिर्फ तय समय पर क्लास अटेंड करेंगे। साथ ही अपनी उपस्थिति भी सार्थक एप से बताएंगे। इसकी मॉनिटरिंग उच्च शिक्षा विभाग ऑनलाइन करेगा कि कौन से टीचर कब कॉलेज आ जा रहे हैं।
–कौन,कब लेगा पीरियड तय करें
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों के शिक्षकों के पढ़ाने का टाइम टेबल तय कर उसे सूचना पटल पर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है, ताकि वहां पहुंचने वाले स्टूडेंट्स के साथ अभिभावकों को भी यह जानकारी हो सके कि किस समय कौन से टीचर किस क्लास में पढ़ा रहे हैं। विभाग का कहना है कि किसी भी स्थिति में स्टूडेंट्स का अध्यापन कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसलिए यह तय किया गया है कि कोई भी टीचर सिर्फ तभी कलेक्टर की टीएल मीटिंग या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली बैठकों के लिए कॉलेज से बाहर जाएगा। जब इसके लिए संभागीय स्तर पर पदस्थ क्षेत्रीय कार्यालयों के अतिरिक्त संचालकों से बाकायदा इसकी परमिशन ली गई हो। इस तरह की बैठकों में केवल प्राचार्य ही जाएंगे।
-दिसंबर में होगा अंतिम फैसला
उच्च शिक्षा विभाग ने नॉन परफॉर्मिंग टीचर्स की तलाश के लिए कुछ मापदंड तय कर सार्थक एप पर उनकी अटेंडेंस लगवाना तय किया है। इस एप की मॉनिटरिंग भी शासन द्वारा की जा रही है। जिलों से इसके आधार पर डिफाल्टर कैटेगरी में आने वाले टीचर्स की रिपोर्ट भी शासन ले रहा है। इसके बाद दिसंबर के पहले सीएम कॉलेज टीचर्स के परफॉर्मेंस और अन्य सेवाओं को लेकर बैठक करेंगे और इसके बारे में अपनी प्राथमिकता भी बताएंगे। इसीलिए कॉलेज प्राचार्यों को ताकीद किया गया है कि वे अपने यहां के अधिकारी, कर्मचारी की रिपोर्ट सार्थक साफ्टवेयर पर ऑन बोर्ड और नियमित रूप से दर्ज कराएं ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो।
–स्टूडेंट्स की मौजूदगी पर भी फोकस
उच्च शिक्षा विभाग ने अतिरिक्त संचालक कार्यालय से कहा है कि कॉलेज में स्टूडेंट्स की मौजूदगी पर फोकस रखें। केवल प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स की मौजूदगी ही पर्याप्त नहीं है,बल्कि सेकेंड ईयर, थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर की कक्षाओं में विद्यार्थियों की क्लास अटेंड करने की व्यवस्था पर भी प्राचार्य विशेष ध्यान दें। प्रायोगिक कक्षाओं का भी नियमित संचालन के भी निर्देश दिए गये हैं।
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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