जेल मुख्यालय भोपाल से केंद्रीय जेल उज्जैन सुपरीटेंडेंट मनोज साहू से मांगी जेल प्रहरी की जानकारी
मध्य प्रदेश में 26 जनवरी 2001 जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए एक कानून लागू हुआ था उसे पुरुष की शादी हुई उस दौरान भी उन्हें मात्र दो ही संतान करने का नियम है यदि तीन संतान को जन्म दिया तो नौकरी से नियम के अनुसार बर्खास्त कर दिया जाएगा, एक ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा में हुआ एक महिला शिक्षक नियम के अंतर्गत पालन न करते हुए तीन संतान को जन्म दिया विभागीय जांच प्रारंभ हुई शिकायत के आधार पर शिकायत सहित पाए जाने पर उसे विभाग से बर्खास्त करने की कार्रवाई कर दी,
उज्जैन केंद्रीय जेल के अंतर्गत महिदपुर की उप जेल में पदस्थ जेल प्रहरी माखन मालाकार द्वारा भी कुछ इसी प्रकार की नियम के विरुद्ध तीन संतान करने की शिकायत जेल मुख्यालय सहित कई विभागों में तथ्यों के आधार पर पहुंची, जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की गई, जेल मुख्यालय में पदस्थ डीआईजी श्री पटेल द्वारा उज्जैन केंद्रीय जेल सुपरिटेंडेंट मनोज साहू को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है जेल प्रहरी माखन मालाकार की शिकायत 3 संतान को लेकर की गई है जबकि राजपत्र के अनुसार शासकीय नौकरी करने वाले किसी भी महिला पुरुष को दिन संतान करने का प्रावधान नहीं है, माखन मालाकार ने सेवा पुस्तिका में कितनी संतान का उल्लेख किया और वास्तविकता में इसकी कितनी संतान है जांच कर सही जानकारी भेजी जाए, इधर शिकायत कर्ता द्वारा जिस संतान की जानकारी सेवा पुस्तिका में छुपाई, उसका आधार कार्ड शिकायत पत्र में लगाकर शिकायत की है,
उज्जैन कलेक्टर को भी शिकायत जेल प्रहरी के खिलाफ की गई है,
जेल मुख्यालय को महिदपुर उपजेल प्रशासन द्वारा शिकायत के आधार पर गलत जानकारी देकर वरिष्ठ कार्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है,
गलत जानकारी देने पर जेल प्रशासन के ऊपर भी करवाई हो सकती हैं ऐसा वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, जेल प्रहरी से पीड़ित एक व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी जिसमें लिखा था जेल में उसके साथ बंद कमरे में जेल प्रहरी माखन मालाकार द्वारा मारपीट इस बात को लेकर की गई उससे ₹10000 मांगे गए नहीं देने पर कमरे में बुलाकर उसके साथ माखन मालाकार द्वारा मारपीट की गई,
इस बात की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में जमानत पर आने पर पीड़ित व्यक्ति ने की, जेल प्रशासन महिदपुर द्वारा जवाब में पूर्ण रूप से गलत जानकारी देकर अपने आप को बचाने का प्रयास किया जवाब में जेल प्रशासन द्वारा लिखा गया शिकायतकर्ता का भाई पार्षद हैं और मीडिया कर्मी उसके परिवार में होने के कारण जेल में दबाव बना रहा था और सुविधा का लाभ लेना चाहता था,
अब पूरी जानकारी के अनुसार सही बात तो यहां है शिकायतकर्ता के परिवार में कोई भी पार्षद नहीं है और ना ही वर्तमान में उसका कोई मीडिया कर्मी से संबंध है, गलत जानकारी देने पर जेल प्रशासन के अधिकारी पर भी सीएम हेल्पलाइन के अनुसार कार्रवाई हो सकती है, हमारे सूत्र बताते हैं सीएम हेल्पलाइन पर दिया गया जेल प्रशासन का जवाब को लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी है,
क्योंकि पीड़ित को न्याय अब न्यायालय की शरण से ही मिल पाएगा, जेल प्रहरी माखन मालाकार का कहना है ऊपर सेटिंग हो गई है आप ऐसी शिकायत हजारों होती रहती हैं मेरा कुछ भी नहीं होने वाला है यह भी खबर सूत्रों से लगातार मिल रही हैं, और अभी वर्तमान में जेल के अंदर मुख्य जेल प्रहरी का चार्ज ले रखा है कई समय से लगातार जेल की शिकायत मिल रही है जेल प्रहरी माखन मालाकार जेल में आए बंदियों को इसी तरह परेशान करता चले जा रहा है इसकी शिकायत पूर्व में गोपनीय तरीके से कुछ पीड़ित लोगों ने लोकायुक्त विभाग को भी रिश्वत लेने को लेकर की थी,
लोकायुक्त विभाग भी शिकायतकर्ता का इंतजार कर रही है आखिर कोई इसकी शिकायत लेकर आए और कार्रवाई हो,
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