परिवहन कर रहे लोगों के साथ मारपीट की, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना में कर्मचारियों ने पीड़ितों पर लाठी से हमला किया, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
इस घटना के बाद, स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है। माना जा रहा है कि यह विवाद कई सालों से चल रहा है और यह रेत माफियाओं और स्थानीय कर्मचारियों के बीच की प्रतिस्पर्धा का परिणाम है। पिछले कुछ वर्षों में, अनूपपुर में रेत चोरों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। जनकारो का कहना है कि यह विवाद आने वाले समय में और भी गंभीर रूप ले सकता है, जिससे बड़ी वारदात की संभावना बनती है।
इस तरह के संघर्षों में अक्सर स्थानीय नेता भी शामिल होते हैं, जो अपनी राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति को और बढ़ा सकते हैं। इसलिए, क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रशासन को सतर्क रहना होगा। रेत चोरी मध्य प्रदेश में एक गंभीर समस्या बन गई है, विशेष रूप से अनूपपुर जैसे जिलों में। यह समस्या इतनी विकराल हो चुकी है कि स्थानीय रेत माफिया बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। इस अवैध गतिविधि में कुछ स्थानीय नेता भी संलिप्त पाए जा रहे हैं, जो अपने राजनीतिक लाभ के लिए इन माफियाओं का समर्थन करते हैं।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, ये नेता माफियाओं को संरक्षण प्रदान करते हैं, जिससे अवैध रेत खनन में वृद्धि हो रही है। रेत माफिया द्वारा किए गए अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसमें माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई और स्थानीय नेताओं की भूमिका की जांच शामिल है।
Leave a Reply