मध्य प्रदेश के ठेकेदारों की समस्याएं अनूपपुर जिले के चचाई विद्युत उत्पादन केंद्र में बेरोजगारी और प्रबंधन की तानाशाही का सच
मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास प्रक्रिया में ठेकेदारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह ठेकेदार स्थानीय निविदाकारों, श्रमिकों और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं। लेकिन हाल ही में, मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग ठेकेदार एसोसिएशन ने एक ज्ञापन के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि स्थानीय निविदाकारों के लिए कार्य का अवसर लगातार कम होता जा रहा है। राम लाल रौतेल, मध्य प्रदेश कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त को इस ज्ञापन के माध्यम से स्थानीय ठेकेदारों ने अपनी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।
बेरोजगारी का संकट
बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी दूरगामी प्रभाव डालता है। ठेकेदारों का कहना है कि बाहरी ठेकेदारों को प्राथमिकता दिए जाने के कारण स्थानीय निविदाकारों की रोजगार संभावनाएं खत्म हो रही हैं। आदिवासी जिले, जहां परंपरागत रूप से स्थानीय लोग ठेकेदारी में संलग्न होते थे, अब बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
बाहरी ठेकेदारों का वर्चस्व
मध्य प्रदेश विद्युत उत्पादन केंद्र चचाई और अन्य थर्मल पावर परियोजनाओं में बाहरी ठेकेदारों का बढ़ता हुआ प्रभाव स्थानीय ठेकेदारों के लिए एक बड़ा संकट बन चुका है। ठेकेदारों ने यह बताया कि बाहरी ठेकेदार मनमाने तरीके से निविदाओं में भाग लेते हैं, जिससे स्थानीय निविदाकारों के लिए अवसर सीमित हो जाते हैं।
राम लाल रौतेल को सौंपे गए ज्ञापन में स्थानीय ठेकेदारों ने कई मुद्दों पर चिंता जताई है। इसमें शामिल हैं
उच्च टर्नओवर की मांग स्थानीय निविदाकारों से ऐसा टर्नओवर मांगा जा रहा है जो अधिकांश के लिए पूरा करना असंभव है। यह कदम बाहरी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रहा है।
निविदाओं का वितरण छोटे कार्यों को मिलाकर एक बड़ी निविदा में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे स्थानीय ठेकेदार, जो छोटे कार्यों पर निर्भर हैं, उस प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया ठेकेदारों ने मांग की है कि छोटे कार्यों के लिए निविदाएं ऑफलाइन प्रस्तुत की जाएं, ताकि स्थानीय निविदाकारों के लिए अवसर बढ़ें।
स्थानीय प्रबंधन की भूमिका ठेकेदारों का कहना है कि स्थानीय प्रबंधन की तानाशाही के कारण उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है।
प्रबंधन की तानाशाही
प्रबंधन की तानाशाही एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो कि स्थानीय निविदाकारों के लिए भारी पड़ रहा है। ठेकेदारों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा जबलपुर से लिए गए निर्णय स्थानीय संदर्भ को नजरअंदाज कर रहे हैं। स्थानीय प्रबंधन की मनमानी और बाहरी ठेकेदारों के साथ उनकी निकटता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
इस स्थिति का एक बड़ा कारण मध्य प्रदेश की नीतियों की अव्यवस्था है। ठेकेदारों का कहना है कि सरकारी नीतियों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि स्थानीय निविदाकारों को उनकी क्षमता के अनुसार कार्य मिले।
ठेकेदारों ने अपनी समस्याओं को हल करने के लिए कई सुझाव दिए हैं स्थानीय ठेकेदारों के लिए प्राथमिकता सरकार को चाहिए कि वह स्थानीय निविदाकारों को प्राथमिकता दे और बाहरी ठेकेदारों की प्रतिस्पर्धा को सीमित करे।
निविदा प्रक्रिया का सरलीकरण निविदा प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए, ताकि छोटे ठेकेदार भी भाग ले सकें।
प्रबंधन की पारदर्शिता स्थानीय प्रबंधन की नीतियों में पारदर्शिता लाना आवश्यक है, ताकि सभी ठेकेदार समान अवसर प्राप्त कर सकें।
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग ठेकेदार एसोसिएशन का यह ज्ञापन स्थानीय ठेकेदारों की समस्याओं और बेरोजगारी के संकट को उजागर करता है। राम लाल रौतेल को सौंपा गया यह ज्ञापन सरकार के लिए एक संदेश है कि उसे स्थानीय निविदाकारों की स्थिति को गंभीरता से लेना होगा। यदि ठेकेदारों की मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में बेरोजगारी का संकट और गहरा हो सकता है, जिससे न केवल स्थानीय निविदाकार प्रभावित होंगे, बल्कि समग्र आर्थिक विकास भी ठप हो जाएगा।
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