मान्यता व प्रवेश के लिए तिथि बढ़ाने आईएनसी को प्रस्ताव, सरकार ने कोर्ट में पेश की जानकारी
जबलपुर। इसमें बताया कि मान्यता व प्रवेश के लिए तिथि बढ़ाने के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल को प्रस्ताव भेजा गया है।
इसके अलावा जिन कॉलेजों के साथ 100 बिस्तरों का अस्पताल होगा, उन्हीं को मान्यता प्रदान की जाएगी। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाली की युगलपीठ ने इस निर्णय पर सरकार को विचार करने के निर्देश दिए हैं। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि अधिकांश कॉलेज नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे हैं। युगलपीठ ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज की जांच के निर्देश सीबीआई को दिए थे। याचिका की सुनवाई के दौरान पीपुल्स यूनिवर्सिटी भोपाल और अरविन्दो मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सत्र 2023-24 की मान्यता प्रदान करने याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि कोर्ट में लंबित प्रकरण एवं सीबीआई जांच के कारण सरकार द्वारा 2023-24 की मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इससे निजी विश्वविद्यालय को नुकसान उठाना पड़ रहा है। याचिका में राहत चाही गई थी कि उन्हें सत्र 2023-24 की मान्यता दिलाई जाए। आईएनसी की तरफ से शपथ-पत्र के साथ्ज्ञ प्रस्तुत जवाब में कहा गया था कि सत्र 2023-24 की मान्यता एवं प्रवेश के लिए कट-ऑफ-डेट अब निकल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया था कि सत्र 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू होने के कारण अब पिछले सत्र की मान्यता एवं प्रवेश के लिए घोषित की गई कट-ऑफ -डेट नहीं बढ़ाई जा सकती।
–कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सत्र 2024-25 के लिए मान्यता व प्रदेश की कट-ऑफ-डेट 31 अक्टूबर है। सीबीआई द्वारा नर्सिंग कॉलेज की जांच जारी है। सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग कॉलेज को मान्यता प्रदान की जाना है। सरकार की तरफ से मान्यता व प्रदेश की कट-ऑफ-डेट बढाने आईएनसी को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन कॉलेज के पास सौ बिस्तर का अस्पताल है, उन्हें मान्यता दी जाएगी। किसी और अस्पताल से ऐफिलेड कॉलेजों को मान्यता नहीं दी जाएगी। युगलपीठ ने सरकार पर इस संबंध में विचार करने के निर्देश देते हुए साल 2023-24 की मान्यता के संबंध में दायर दोनों निजी विश्वविद्यालय की याचिका को खारिज कर दिया।
Leave a Reply