हर रजिस्ट्री को रजिस्ट्रार बना लेता था बंधक, फिर दलाल खेलते थे सौदेबाजी का खेल

हर रजिस्ट्री को रजिस्ट्रार बना लेता था बंधक, फिर दलाल खेलते थे सौदेबाजी का खेल




जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया व स्टेनो जयनारायण मिश्रा पर एफआईआर दर्ज
जिला रजिस्ट्रार पर लोकायुक्त की एफआईआर के बाद खुलने लगीं करप्शन की परतें, ३५० से ज्यादा रजिस्ट्रियों में हुआ घूसखोरी का खेल,शहर के प्रतिष्ठित लोगों भी बनाया अपना शिकार

जबलपुर। लंबी जांच और छानबीन के बाद लोकायुक्त ने जब धनवंतरी नगर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में पदस्थ जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया पर एफआईआर दर्ज की तो शहर के सैकड़ों लोगों ने राहत की सांस ली। भदौरिया का टै्रक रिकॉर्ड इतना खराब हो चुका है कि दफ्तर के कई कर्मचारी खुद भी शर्मशार हैं। शहर के  प्रतिष्ठित नामों को भी भदौरिया ने नहीं बख्शा और रजिस्ट्री देने के एवज में लाखों रुपए वसूले। सभी ने शिकायत करना मुनासिब नहीं समझा,बल्कि रुपये देकर रजिस्ट्री छुड़ा ली, लेकिन एक मामले में लोकायुक्त की बारीक जांच के बाद भदौरिया पर कानूनी फंदा कस दिया गया।
-इस मामले में कसा शिकंजा
कठौंदा में खरीदी गई एक कृषि भूमि की रजिस्ट्री में कमियाँ निकालकर धनवंतरी नगर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में पदस्थ जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया व स्टेनो जयनारायण मिश्रा उर्फ जित्तू द्वारा ५ लाख की रिश्वत माँगी गई थी। रिश्वत माँगे जाने की शिकायत का सत्यापन होने पर लोकायुक्त द्वारा दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार नर्मदा नगर ओल्ड पीपी कॉलोनी निवासी अशोक शर्मा द्वारा लोकायुक्त जबलपुर को दी गई शिकायत में बताया गया कि उनके मित्र प्रभजीत सिंह बसूर ने कठौंदा में ६४ हजार २ सौ वर्गफीट कृषि भूमि क्रय की थी। इस जमीन की रजिस्ट्री 11 जुलाई 2024 को एनपीजी कंस्ट्रक्शन के नाम पर कराई गई थी। रजिस्ट्री में आवेदक अशोक शर्मा गवाह थे। रजिस्ट्री होने के कुछ दिन बाद प्रभजीत ने अशोक शर्मा को रजिस्ट्री लेने के लिए धनवंतरी नगर स्थित जिला रजिस्ट्रार कार्यालय भेजा। वहाँ पता चला कि उक्त रजिस्ट्री जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया अपने पास रखे हुए हैं। उनके कक्ष में पहुँचा तो वहाँ पर स्टेनो जयनारायण उर्फ जित्तू मिश्रा भी मौजूद था। वहाँ रजिस्ट्रार से रजिस्ट्री माँगने पर उनके द्वारा रजिस्ट्री शुल्क में कमियाँ दिखाकर 5 लाख की डिमांड की गई।
लोकायुक्त में की शिकायत
इस मामले को लेकर गवाह अशोक शर्मा द्वारा लोकायुक्त जबलपुर में इसकी शिकायत १० अक्टूबर को की गई। वहीं पूर्व में की गई शिकायत का हवाला भी दिया गया। लोकायुक्त द्वारा शिकायत को जाँच में लेकर रिश्वत संबंधी बातचीत रिकॉर्ड करने टेप दिया गया। शिकायत का सत्यापन होने पर लोकायुक्त द्वारा जिला रजिस्ट्रार रत्नेश भदौरिया व स्टेनो जयनारायण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा ७ पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्टेनो को चाहिए थे १० हजार
एफआईआर के अनुसार, जिला रजिस्ट्रार ने ५ लाख की डिमांड की थी। वहीं स्टेनो का कहना था कि साहब के ५ लाख के अलावा उसे १० हजार रुपए चाहिए उसके बाद ही रजिस्ट्री प्रदान की जाएगी।
-क्या है रिव्यू का पॉवर
सरकार ने जिला रजिस्ट्रार को रजिस्ट्री
के रिव्यू का पॉवर दिया है। इस पॉवर का इस्तेमाल कर जिला रजिस्ट्रार, सब-रजिस्ट्रार द्वारा की गयी रजिस्ट्रार का पुनरीक्षण कर सकता है। उसमें भी केवल ये देखा जाना चाहिए कि कहीं टैक्स कम तो नहीं लिया गया या कोई तथ्य छूट तो नहीं गया है। रिव्यू में जाने वाली रजिस्ट्रियां बहुत कम होती हैं,लेकिन भदौरिया ने अपने दफ्तर में की जाने वाली सारी रजिस्ट्रियों को रिव्यू में डालने का नियम बना लिया था। ऐसे में सालों से रजिस्ट्री करा रहे सब-रजिस्ट्रार के कामकाज पर भी प्रश्न चिन्ह उठ रहा था। बाद में जब आवेदक रजिस्ट्री लेने आते थे तो भदौरिया का दलाल नेटवर्क उन्हें २५ प्रतिशत देकर रजिस्ट्री छुड़ाने की सलाह देता था साथ ही चेतावनी भी कि यदि ऐसा नहीं किया तो लंबी पैनाल्टी लगा दी जाएगी।
-शिकायत हो तो लोकायुक्त से कीजिए
अभी भी यदि कोई है,जो भदौरिया एंड कंपनी का सताया हुआ है तो वो चाहे तो शिकायत लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंच सकता है,जिस पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, ऐसे कई मामले में जिनमें आवेदक ने चुपचाप भदौरिया के सामने सिर झुकाकर घूस दे दी और रजिस्ट्री छुड़ा ली।
-वर्जन
-जांच जारी रहेगी
रजिस्ट्रार और स्टेनो में एफआईआर दर्ज करने से पहले मामले की गहन जांच की गयी है,जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सब-रजिस्ट्रार द्वारा ओके हो जाने के बाद भी रजिस्ट्री को अपने पास रख रिश्वत की मांग करने की शिकायत की पुष्टि हुई है। जल्दी ही कुछ और मामलों का खुलासा किया जाएगा।
संजय साहू, एसपी, लोकायुक्त

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