
अनूपपुर कोलमी गांव की धरती पर 30 जून की सुबह विकास की एक नई गाथा लिखी गई। इस दिन सिर्फ ईंट और पत्थर नहीं जुड़े, बल्कि आस्था, परंपरा, संस्कृति और विश्वास की नींव पर औद्योगिक प्रगति की आधारशिला रखी गई। न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड थर्मल पावर प्रोजेक्ट की भूमि पर ग्रामवासियों ने खुद आगे बढ़कर पूजा-अर्चना, कन्या पूजन, हवन और भव्य भंडारे का आयोजन किया। यह सिर्फ भूमि पूजन नहीं था—यह था उस भरोसे और भागीदारी का उत्सव, जो अब गांव और उद्योग के बीच एक सेतु की तरह स्थापित हो चुका है।


सांस्कृतिक सवेरा जब कोलमी जागा विश्वास के साथ
भोर की किरणों के साथ कोलमी की गलियों में चहल-पहल शुरू हो गई थी। गांव के कोने-कोने से महिलाएं थाल में पूजा सामग्री लेकर ग्राम देवता के स्थान की ओर बढ़ रही थीं। गांव के बुजुर्ग शुद्ध वस्त्र पहनकर आयोजन स्थल पर पहुंचे और युवा व्यवस्था में लग गए।
शंखनाद और ढोल की ध्वनि के साथ कन्या पूजन शुरू हुआ। नौ छोटी बच्चियों के पांव धोकर उन्हें आसन पर बैठाया गया। उनके चेहरे पर चमक थी, और ग्रामीणों की आंखों में श्रद्धा। यह एक ऐसा दृश्य था जो किसी चित्रकला से कम नहीं था।
कंपनी अधिकारियों की सहभागिता साझेदारी का नया अध्याय
इस पावन अवसर पर न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुधाकर पाण्डेय, उपाध्यक्ष सुशील कांत मिश्रा और कंपनी के कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। उन्होंने कन्याओं को अपने हाथों से भोजन परोसा, उनके पांव छूकर आशीर्वाद लिया और ग्रामीणों के साथ भोजन कर एक अद्वितीय सहभागिता का उदाहरण प्रस्तुत किया।
न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड थर्मल पॉवर प्लांट कंपनी के सीनियर उपाध्यक्ष सुधाकर पाण्डेय ने भावुक स्वर में कहा “हमने कई प्रोजेक्ट देखे हैं, लेकिन कोलमी का यह स्वागत और विश्वासपूर्ण भूमि पूजन अभूतपूर्व है। जब जनता खुद विकास को बुलाती है, तो सफलता की गारंटी अपने आप बन जाती है।”


भंडारे में समरसता का उत्सव
कन्या भोज के बाद पूरे गांव के लिए भव्य भंडारे की व्यवस्था की गई थी। हर जाति, वर्ग और आयु के लोग पंक्तिबद्ध होकर बैठ गए। खीर, पूरी, चना, सब्जी और रायते से सजे थाल हर किसी के लिए समान थे। महिलाएं प्रेम से परोस रही थीं, बच्चे हंसी-खुशी खाना खा रहे थे और वृद्ध संतोष से वातावरण को देख रहे थे।
यह केवल भोजन नहीं था, यह था कोलमी की सामाजिक समरसता का दृश्य रूप—जहां कोई भेदभाव नहीं, सिर्फ सहभागिता और सद्भावना थी।

श्रवण और दृश्य का संगम वातावरण की अनुभूति
पूरे आयोजन स्थल पर शांति और उल्लास का अद्भुत संतुलन था। मंत्रोच्चार की पवित्रता, हवन की अग्नि से उठती सुगंध, और उनका भक्तिभाव…
आसपास के पहाड़ों से आती ठंडी हवा, खेतों की हरियाली और खुले आसमान तले यह आयोजन किसी पर्व जैसा लग रहा था। कैमरे, मोबाइल से हर क्षण को रिकॉर्ड किया जा रहा था। कुछ ग्रामीण युवाओं ने लाइव वीडियो के माध्यम से इस ऐतिहासिक क्षण को दुनिया से साझा किया
भूमि पूजन और सीमांकन विकास की वास्तविक शुरुआत

कन्या पूजन और भंडारे के पश्चात ग्राम के प्रमुख नागरिकों सोहन रामदास, मंगल, श्याम नारायण और मोहनलाल साई ने प्रोजेक्ट की अधिग्रहित भूमि पर विधिवत भूमि पूजन किया। मंत्रोच्चार के बीच भूमि पर नारियल फोड़ा गया, कलश स्थापना हुई और चूना डालकर सीमांकन किया गया।
बाउंड्री वाल के पहले चरण में कंटीले तारों के पोल गाड़ने का काम भी विधिवत रूप से शुरू हुआ। यह वह क्षण था जब विकास की योजनाएं कागज से धरातल पर उतरने लगीं। ग्रामीणों ने खुद अपने हाथों से पिलर गाड़े, जिससे यह संदेश गया कि यह प्रोजेक्ट “उनका अपना है”।

ग्रामीणों की भावनाएं ‘विकास’ अब सपना नहीं, सच्चाई है
आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण को लेकर आशंका, विरोध और संघर्ष देखे जाते हैं। लेकिन कोलमी में यह परिदृश्य पूरी तरह अलग था। यहां ग्रामीणों ने स्वयं आगे आकर न केवल प्रोजेक्ट का स्वागत किया, बल्कि पूजा-पाठ से इसे अपने भविष्य के साथ जोड़ दिया।
एक ग्रामीण महिला ने कहा “जब हमने सुना कि कंपनी पहले कन्या पूजन करेगी, तो हमें यकीन हो गया कि ये लोग हमारे गांव की परंपराओं और भावनाओं की कद्र करते हैं।”
एक युवक ने कहा “पहली बार लग रहा है कि कोई कंपनी सिर्फ मशीनें नहीं, इंसान और संस्कृति को भी साथ लेकर चल रही है। हम सब इसके साथ हैं।”
कंपनी का दृष्टिकोण पर्यावरण, रोजगार और विश्वास की तिहरी नीति
कंपनी अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि प्रोजेक्ट में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय रोजगार और सामाजिक सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रीन बेल्ट, रोजगार शिविर, पेयजल योजना, सड़क और स्कूल सुधार, स्वास्थ्य शिविर जैसी अनेक योजनाएं प्रस्तावित हैं।
न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड थर्मल पॉवर प्लांट के उपाध्यक्ष सुशील कांत मिश्रा ने कहा “कोलमी का यह आयोजन बताता है कि जब आप लोगों की भावनाओं को समझते हैं, तो वे आपके साथ चलने को तैयार हो जाते हैं। हमारी प्राथमिकता है—यह प्रोजेक्ट जितना सफल हो, उतना ही स्थानीय समाज के लिए उपयोगी भी हो।”
रक्सा कोलमी मॉडलऔद्योगिक विकास और ग्रामीण आस्था का संगम
कोलमी का यह आयोजन अब एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है—जहां ग्रामीणों की सहमति, सांस्कृतिक सम्मान और कंपनी की पारदर्शिता के साथ एक औद्योगिक परियोजना की नींव रखी गई। यह भविष्य में सरकारों, कंपनियों और जनसमुदाय के बीच समन्वय का एक आदर्श उदाहरण बन सकता है।
यह आयोजन सिर्फ एक परियोजना का शुभारंभ नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि विकास तब ही सार्थक होता है, जब वह लोगों की आस्था, संस्कृति और उम्मीदों से जुड़ता है।
उपस्थित ग्रामीणों और सहभागिता
इस आयोजन में कोलमी के सभी नागरिकों को आमंत्रित किया गया था। प्रमुख रूप से सोहन रामदास, मंगल, श्याम नारायण, मोहनलाल साई, ललिता देवी, अर्जुन सेन, देवकुमार, राधेश्याम पटेल, दीपक साहू, रूपलाल, प्रभा बाई सहित सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति रही। हर वर्ग के लोग, चाहे किसान हों या मजदूर, बुजुर्ग हों या युवा, महिलाएं हों या कन्याएं—सभी ने अपनी भागीदारी निभाई।
कोलमी से निकला विश्वास का संदेश
कोलमी में आयोजित यह कन्या पूजन, भूमि पूजन और भंडारा केवल एक औपचारिकता नहीं थी—यह था उस “आशा” का उत्सव, जिसे वर्षों से ग्रामीण अपने मन में पालते रहे हैं। अब वह सपना थर्मल पावर प्रोजेक्ट के रूप में मूर्त रूप ले रहा है।
न्यू जोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ग्रामवासियों के बीच बना यह विश्वास एक ऐसी नींव है, जिस पर भविष्य का समृद्ध गांव, आत्मनिर्भर युवा और पर्यावरण-संरक्षित उद्योग खड़े होंगे।
इस गांव के आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब विकास का आधार श्रद्धा, संवाद और सहयोग हो, तो उसमें संघर्ष नहीं, सिर्फ सफलता जन्म लेती है।
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