
रेलवे ब्रिज बना अनूपपुर का ‘बर्लिन वॉल’, कांग्रेस ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
मोहल्ला क्लीनिक की मांग, मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति पर जोर
अनूपपुर। नगर पालिका क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कार्य जिस धीमी गति से चल रहा है, उसने पूरे शहर को दो भागों में विभाजित कर दिया है। अब अनूपपुर का उत्तरी और दक्षिणी हिस्सा मानो दो अलग-अलग दुनियाओं में बदल गया है। व्यापार ठप, सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त और स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं। इन हालातों को लेकर कांग्रेस ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए कलेक्टर हर्षल पंचोली को ज्ञापन सौंपा और तत्काल मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने की मांग की।
स्वास्थ्य सेवाओं की टूटी रीढ़, रेलवे ब्रिज बना संकट की जड़

कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि रेलवे ब्रिज निर्माण की सुस्त रफ्तार ने शहरवासियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। व्यापारियों से लेकर आम जनता तक हर कोई इस विभाजन के दुष्प्रभाव झेल रहा है। लेकिन सबसे चिंताजनक स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां प्राथमिक उपचार के अभाव में लोगों की जान चली गई, क्योंकि अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई। इन घटनाओं से व्यापारिक संघ और नागरिक समाज में गहरी चिंता है।
‘न जाने कब पूरा होगा ब्रिज, तब तक स्वास्थ्य सेवाओं का क्या?’


वरिष्ठ कांग्रेस नेता आशीष त्रिपाठी ने कहा कि शहर के उत्तरी हिस्से में वार्ड 1 से 8 के अंतर्गत एक मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना अनिवार्य हो गई है। कांग्रेस कमेटी और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि यहां एक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति कर ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस क्लीनिक को जिला आयुष कार्यालय के अंतर्गत संचालित किया जाए ताकि किसी को भी प्राथमिक उपचार से वंचित न रहना पड़े।
‘जब तक पुल नहीं, तब तक इलाज तो मिले!’

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से आग्रह किया कि रेलवे ब्रिज का निर्माण कब पूरा होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इंतजार नहीं किया जा सकता। लोगों की जान बचाने के लिए मोहल्ला क्लीनिक की व्यवस्था तत्काल की जानी चाहिए।
ज्ञापन सौंपने वालों में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति सिंह, जिला कांग्रेस कोषाध्यक्ष राम संजीवन गौतम, पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष रजन राठौर, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शिव कुमार गुप्ता, एडवोकेट वासुदेव चटर्जी, वार्ड 8 के पार्षद विनोद सोनी सहित कई कांग्रेसी नेता शामिल थे।
क्या प्रशासन नींद से जागेगा?
अब देखना यह है कि कांग्रेस की इस मांग पर प्रशासन कितना गंभीर होता है। क्या यह ज्ञापन सरकारी फाइलों में धूल खाएगा या फिर जनता को प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं की सौगात मिलेगी? अनूपपुर के नागरिक टकटकी लगाए बैठे हैं।
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