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केन-बेतवा परियोजना जल संकट का समाधान, किसानों की समृद्धि का आधार

केन-बेतवा परियोजना जल संकट का समाधान, किसानों की समृद्धि का आधार

केन-बेतवा नदी परियोजना बुंदेलखंड की प्यास बुझाने वाला ऐतिहासिक कदम
केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना, भारत की पहली अंतर-राज्यीय नदी जोड़ परियोजना है। यह ऐतिहासिक पहल न केवल बुंदेलखंड क्षेत्र की प्यास बुझाएगी, बल्कि यहां के किसानों की फसलों को भी हरा-भरा करेगी।  भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव  खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा द्वारा  खजुराहो से इस परियोजना का शुभारंभ  करने जा रहे हैं।परियोजना की विशेषताएं लागत ₹44,605 करोड़।कुल क्षेत्र मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश। प्रमुख लाभार्थी जिले मध्य प्रदेश छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह।उत्तर प्रदेश महोबा, झांसी, बांदा।जल की उपलब्धता
6,590 मिलियन क्यूबिक मीटर जल का हस्तांतरण।10 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई।62 लाख लोगों को पीने का पानी।
ऊर्जा उत्पादन 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा।कैसे काम करेगी यह परियोजना?
केन नदी से बेतवा नदी तक पानी का हस्तांतरण किया जाएगा
दौधन बांध का निर्माण होगा, जिससे पानी को पाइपलाइनों और नहरों के माध्यम से क्षेत्र में वितरित किया जाएगा।
यह परियोजना न केवल कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगी, बल्कि पीने के पानी की समस्या का भी समाधान करेगी परियोजना से लाभ किसानों के लिए वरदान
सिंचाई की बेहतर सुविधा से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
फसल उत्पादन में सुधार होगा, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।पीने का पानी 62 लाख लोगों को स्वच्छ और नियमित पेयजल मिलेगा।सूखा प्रभावित क्षेत्र को राहत
बुंदेलखंड, जो अक्सर सूखे से प्रभावित रहता है, इस परियोजना के तहत जल संकट से उबरेगा।जैव विविधता संरक्षण
पन्ना टाइगर रिजर्व में जल संकट का समाधान होगा।रोजगार के अवसर
परियोजना के निर्माण और रखरखाव में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्यावरणीय चिंताएं पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए परियोजना के प्रभावों को कम करने के उपाय किए जा रहे हैं।
पुनर्वास प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे और पुनर्वास की योजना बनाई गई है।
राजनीतिक सहमति मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों के बीच तालमेल बढ़ाया गया है बुंदेलखंड भविष्य की उम्मीद
केन-बेतवा परियोजना के कारण बुंदेलखंड की धरती न केवल हरी-भरी होगी, बल्कि इस क्षेत्र में जल संकट का स्थायी समाधान भी होगा।
केन-बेतवा नदी परियोजना, भारत के जल प्रबंधन का एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना बुंदेलखंड के लाखों किसानों और नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

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